पटना: निगम क्षेत्र में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन व स्वीकृत नक्शे में विचलन कर बने निर्माणाधीन अपार्टमेंटों पर रोक लगाते हुए निगरानीवाद केस दर्ज किया गया. मंगलवार को नगर आयुक्त ने हाइकोर्ट के निर्देश पर इन निगरानीवाद की नियमित सुनवाई की और बिल्डर व अपार्टमेंट मालिकों को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया. लेकिन, वे विचलन व उल्लंघन किये बिंदुओं पर स्पष्ट तर्क नहीं रख सके.
सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त ने निगम क्षेत्र के 11 अपार्टमेंटों में स्वीकृत नक्शे के विरुद्ध बने हिस्सों को तोड़ने का आदेश दिया है. इनमें छह अपार्टमेंटों के ऊपरी फ्लोर को तोड़ने तथा पांच में मकान के आगे-पीछे के सेटबैक को दुरुस्त करना है. फैसले में यह भी कहा गया कि 30 दिनों के भीतर बिल्डर व मालिक स्वयं कार्यपालक अभियंता से चिह्न्ति कराये और भवन को तोड़े, अन्यथा निगम प्रशासन खुद विचलन किये हिस्से को तोड़ेगा.
सितंबर 13 में निगरानीवाद केस दर्ज किया गया. इन केसों की सुनवाई लगातार की जा रही है तथा आदेश भी जारी किये जा रहे हैं. जिन अपार्टमेंटों के अतिरिक्त निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया गया है, उन्हें 30 दिनों की मोहलत दी गयी है. इसके बाद निगम प्रशासन अपने स्तर से इन अपार्टमेंटों के अतिरिक्त निर्माण तोड़ेगा.
कुलदीप नारायण, नगर आयुक्त