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मंदिरी व अंटा घाट नाले पर बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
ओड़िशा की आर्किटेक कंपनी के हटने के बाद दिल्ली की कंपनी बना रही है प्लान 22 दिसंबर को होगी स्मार्ट सिटी की बैठक कंपनी देगी अपना पहला पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पटना : पटना के स्मार्ट सिटी का ड्राफ्ट प्लान एक बार फिर नये सिरे से बनायाजा रहा है. ओड़िसा की आर्की टेक कंपनी के इस […]
ओड़िशा की आर्किटेक कंपनी के हटने के
बाद दिल्ली की कंपनी बना रही है प्लान
22 दिसंबर को होगी स्मार्ट सिटी की बैठक कंपनी देगी अपना पहला पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन
पटना : पटना के स्मार्ट सिटी का ड्राफ्ट प्लान एक बार फिर नये सिरे से बनायाजा रहा है. ओड़िसा की आर्की टेक कंपनी के इस प्रोजेक्ट से हटने के बाद अब दिल्ली की कंपनी कोइसकी जिम्मेवारी मिली है. नयी कंपनी पुराने प्लान के ड्राफ्ट को अपने हिसाब से बदलाव कर रही है. इसमें कुछ और नये प्रोजेक्ट को जोड़ा जा रहा है और वहीं कुछ पहले से तय प्रोजेक्टों में आवश्यक बदलाव भीकिये जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार गांधी मैदान को एरिया बेस डेवलपमेंट का क्षेत्र लिया गया है. इसमें पहले से कई प्रोजेक्ट हैं.
नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक बताते हैं कि मंदिरी नाला
और अंटा घाट नाला के मुहाने पर एसटीपी यानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने निर्णय लिया गया है. इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी के माध्यम से नमामि गंगे योजना से जोड़ा जायेगा, ताकि गंगा में सीधे तौर पर गंदा पानी नहीं गिराया जाये. इससे गंगा को स्वच्छ करने में मदद मिलेगी.
स्टेशन गोलंबर का होगा सौंदर्यीकरण
स्मार्ट सिटी में पटना जंकशन के सामने गोलंबर के पास सौंर्दयीकरण करने की योजना बनी है. फ्लाई ओवर के नीचे पार्किंग की व्यवस्था करनी है. नगर आयुक्त बताते हैं कि गांधी मैदान अंडर ग्राउंड पार्किंग का भी प्रारूप बदलेगा. इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट एक और प्रोजेक्ट जुड़ेगा. इसमें कलेक्ट्रेट से बांस घाट तक गंगा के किनारे पक्का घाट का निर्माण किया जाना है.
स्मार्ट सिटी पर अब तक हुए खर्च का ब्योरा मांगा
नयी कंपनी के साथ स्मार्ट सिटी कमेटी की पहली बैठक 22 दिसंबर को होगी. प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी में कंपनी को अपना पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देना है. इसके बाद कंसेप्ट प्लान, ड्राफ्ट प्लान और फाइनेंसियल प्लान को तैयार किया जायेगा. इधर, नगर विकास व आवास विभाग ने निगम से स्मार्ट सिटी पर अब तक हुए खर्च का ब्योरा मांगा है. इसमें निगम को पीआर कंपनी व ओड़िशा की आर्किटेक कंपनी को खर्च का ब्योरा देना है.
पटना. शहर को साफ करने के लिए नगर निगम की महत्वाकांक्षी डोर टू
डोर कचरा कलेक्शन योजना के लिए निविदा डालने की तिथि अब 24 दिसंबर तक कर दी गयी है. निगम को दो बार लगातार टेंडर डालने की तारीख को
बढ़ाना पड़ा है. पहले निविदा डालने की तारीख 30 नवंबर तक थी. फिर इसे
आठ दिसंबर तक किया गया था. निगम के मुख्य अभियंता अशोक कुमार
बताते हैं कि निविदा डालने वाले लोगों ने इसकी शिकायत की थी कि टेंडर
डालने के समय निगम वेबसाइट का सरवर डाउन हो जा रहा है और लोगों की निविदा फाइल नहीं हो पा रही है. इस कारण निगम को कंपनी प्रतिनिधियों की परेशानी को ध्यान में रख कर निविदा डालने की तारीख बढ़ानी पड़ी है. निगम को डोर टू डोर की निविदा की तारीख बढ़ाने के पीछे दूसरी बात सामने आ रही है. नाम न छापने की शर्त पर निगम अधिकारी बताते हैं कि निगम की खराब छवि के कारण डोर टू डोर में कोई कंपनी निविदा नहीं डाल रही है.
कंपनी को निगम की ओर से नियमित पेमेंट करने पर संशय बना रहता है. मजबूरन निगम को निविदा की तारीख बढ़ानी पड़ रही है.निगम ने इस बार शहर को छह भागों में बाट कर निविदा निकाली है. इसमें कंपनी को भी होल्डिंग से शुल्क वसूलने का अधिकार दिया गया है.
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