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नकली दवा कारोबारियों की चांदी, क्वालिटी की जांच ठप
पटना : बिहार में नकली और कम गुणवत्तावाली दवाओं का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है. रिपोर्ट बताती है कि हर माह जांच के लिए लैब आनेवाली दवाओं में बड़ी संख्या सब स्टैंडर्ड दवाओं की होती है. वहीं, अगमकुआं स्थित सूबे की इकलौती औषधि जांच प्रयोगशाला में दवाओं की गुणवत्ता की जांच बंद हो गयी […]
पटना : बिहार में नकली और कम गुणवत्तावाली दवाओं का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है. रिपोर्ट बताती है कि हर माह जांच के लिए लैब आनेवाली दवाओं में बड़ी संख्या सब स्टैंडर्ड दवाओं की होती है. वहीं, अगमकुआं स्थित सूबे की इकलौती औषधि जांच प्रयोगशाला में दवाओं की गुणवत्ता की जांच बंद हो गयी है. वजह, एनालिस्ट का नहीं होना है. यहां के कर्मचारियों की मानें तो एक मात्र एनालिस्ट महेश कुमार सिन्हा 30 नवंबर को रिटायर्ड हो गये. इसलिए, दवाओं की गुणवत्ता की जांच का काम बंद कर दिया गया है.
न जांच, न कार्रवाई : ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के अनुसार दवाओं की जांच और रिपोर्ट सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ही कर सकते हैं. ऐसे में स्टेट ड्रग लेबोरेटरी में राज्य भर से दवाएं तो लैब पहुंच रही हैं, पर उसकी न तो जांच हो रही है और न ही उसकी रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई
हो रही है. पूर्व एनालिस्ट महेश
सिन्हा की मानें तो उनके कार्यकाल में दवाओं की गुणवत्ता की जांच होती थी. नकली या फिर अवैध दवाओं के संदेह होने पर व औषधि विभाग को रिपोर्ट दी जाती थी. इसके बाद विभाग कार्रवाई करता था. जो अब पूरी तरह से ठप हो गया है.
पकड़ी चुकी है अवैध दवा
चार महीने पहले औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा मारी गयी छापेमारी में कई तरह के अवैध व नकली दवाएं पकड़ी गयी थीं. इसके बाद शहर में दर्जनों दवा की दुकानें सील कर दी गयीं. कई मामलों में कानूनी प्रक्रिया भी शुरू हुई. लेकिन, अब सरकारी एनालिस्ट नहीं होने के कारण छापेमारी भी बंद हो गयी है. ऐसे में नकली दवा कारोबारियों की फिर से चांदी कट रही है. प्रयोगशाला में हर साल करीब तीन हजार से अधिक दवाओं के सेंपल जांच के लिए जाते हैं. अभी अधिकतर दवाओं की रिपोर्ट भी नहीं आयी है.
ढूंढे जा रहे एनालिस्ट
औषधि निरीक्षक रवींद्र कुमार बताते हैं कि शुक्रवार को औषधि नियंत्रण प्रशासन की ओर से सभी ड्रग इंस्पेक्टर और सहायक औषधि नियंत्रक को पत्र जारी किया गया है. पत्र में कहा गया है कि इच्छुक योग्य अधिकारी प्रयोगशाला में बतौर एनालिस्ट के तौर पर प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही औषधि नियंत्रण प्रशासन सेवानिवृत्त एनालिस्ट को संविदा पर तैनाती के लिए भी विचार कर रहा है.
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