हालांकि इसके कुछ छोटे वर्जन जैसे 40 एमएम का निर्माण देश के तमिलनाडू में तिरूचिरापल्ली स्थित आयुध कारखाने में शुरू किया गया है. परंतु उन्नत किस्म के यूबीजीएल का अभी भी आयात ही किया जाता है. इस आधुनिक हथियार की खरीद केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत ही होती है. इस वजह से बिहार या अन्य किसी राज्य को इसे खरीदने के लिए किसी केंद्रीय फोर्स का ही सहारा लेना पड़ता है.
बिहार में सीआरपीएफ का बेस कैंप होने के कारण राज्य सरकार इन्हें सीआरपीएफ के माध्यम से ही खरीदती है. बिहार पुलिस फिलहाल करीब एक दर्जन यूबीजीएल की खरीदारी करने जा रही है. इसके बाद इनकी जरूरत को देखते हुए अगले वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त संख्या में इसकी खरीद की जा सकती है. इस हथियार के साथ 920 सेल या इसमें सेट होने वाले ग्रेनेड की भी खरीदारी होगी. इनकी खरीद के लिए गृह विभाग ने करीब 17 लाख रुपये जारी भी कर दिये हैं. हालांकि कई कारणों से यूबीजीएल की कीमत और इसके लिए जारी राशि का खुलासा