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नोटबंदी को लेकर राजद-कांग्रेस और भाजपा सदस्य आपस में भिड़े

पटना : नोटबंदी और कानून-व्यवस्था के सवाल पर विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ. विधानसभा और विधान परिषद में सत्ताधारी दल राजद-कांग्रेस ने जहां नोटबंदी को लेकर केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, भाजपा के सदस्य प्रदेश में कानून का राज समाप्त होने और कार्यस्थगन मंजूर नहीं होने पर पलटवार किया. […]

पटना : नोटबंदी और कानून-व्यवस्था के सवाल पर विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ. विधानसभा और विधान परिषद में सत्ताधारी दल राजद-कांग्रेस ने जहां नोटबंदी को लेकर केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, भाजपा के सदस्य प्रदेश में कानून का राज समाप्त होने और कार्यस्थगन मंजूर नहीं होने पर पलटवार किया. इसके चलते विधानसभा में आठ मिनट ही कामकाज हो सका. कुछ विधायकों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. राजद विधायक प्रेमा चौधरी और भाजपा विधायक गायत्री देवी के हाथों में हल्की चोटें भी आयीं. दोनों विधायकों ने सदन के बाहर अपनी-अपनी पीड़़ा बयान की और एक दूसरे के पार्टी विधायकों पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाया. सदन में भोजनावकाश के पहले तीन मिनट और इसके बाद पांच मिनट में ही वित्तीय कार्य निबटाये गये. विधान परिषद में महज 10 मिनट कामकाज हो पाया.

विधानसभा में जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कि विपक्ष विधि-व्यवस्था और कार्यस्थगन को लेकर सवाल खड़ा किया. उसके कुछ सदस्य जैसे ही वेल में आये कि पहले से तैयार सत्ता पक्ष के सदस्यों ने रणनीति के तहत वेल में आ गये. कांग्रेस के शकील अहमद खां, रामदेव राय, राजद के शक्ति सिंह यादव, भोला यादव और जदयू के कई सदस्य वेल में आ गये. वेल सदस्यों के आने से खचाखच भर गया. सभी के हाथों में नारे लिखे पोस्टर थे. दोनों पक्षों ने आसन के समक्ष नारेबाजी और पोस्टर लहराये. इधर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी बार बार सदस्यों से सीट पर जाकर बात रखने का अनुरोध करते रहे.

राजद के शक्ति सिंह यादव के साथ दो-तीन विधायक रिपोर्टर के टेबल पर चढ़ कर नारेबाजी करने लगे. बाद में रिपोर्टर टेबल पर कांग्रेस के रामदेव राय भी चढ़ गये और कांग्रेस का झंडा लहराने लगे. सदस्यों को शांत होता नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष ने दो मिनट के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे से शुरू होनेवाले प्रश्नकाल का नजारा और भी अनोखा दिखा. जैसे ही घंटी बजी विपक्ष के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आने के पहले और सदन की कार्यवाही चालू होने के पांच मिनट पहले ही वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष आसन पर आकर सदन की कार्यवाही आरंभ करने की सूचना दी कि सत्ता पक्ष के सदस्य भी वेल में आ गये. एक फिर सदस्यों से अपने जगह पर जाने के लिए अध्यक्ष ने अनुरोध किया. इधर वेल के अंदर टकराव की स्थिति पैदा हो गयी. सदस्य एक दूसरे को ठेलने लगे.

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक मिनट के बाद दूसरी बार सदन की कार्यवाही को दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया. भोजनावकाश के बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, फिर से हंगामा शुरू हो गया. हंगामे के बीच राजद विधायक फराज फातमी अपनी मेज पर चढ़ गये. विधानसभा अध्यक्ष की विधायकों से सीट पर जाने की अपील भी बेकार चली गयी. अंत में पांच मिनट बाद दो विधेयक के पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार को दिन के 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.

विप में हुआ 10 मिनट कामकाज

इधर, विप की दूसरे दिन की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ गयी. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जदयू के संजय सिंह ने ‘राम नाम जपना-काला धन अपना’ लिखा पोस्टर लेकर बेल में आ गये. कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी समेत सत्तापक्ष के सभी सदस्य बेल में आकर पीएम नरेंद्र मोदी के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद भाजपा के सदस्य भी वेल में आ गये. भाजपा सदस्यों ने लालू प्रसाद, सोनिया गांधी और केजरीवाल के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी. लगभग चार मिनट तक सभापति अवधेश नारायण सिंह कार्यवाही चलने देने की अपील करते रहे. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन के एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

पुन: सदन की कार्यवाही एक बजे शुरू हुई और कार्यवाही शुरू होते ही जदयू के संजय सिंह, राजद के सुबोध राय, कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी समेत सत्ताधारी दल के सभी सदस्यों ने बेल में आकर भाजपा और प्रधानमंत्री के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी. इन लोगों ने भाजपा नेताओं से लालू, सोनिया के विरोध में आपत्तिजनक टिप्पणी पर माफी मांगने और जमीन खरीद की सीबाआइ जांच की मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच सभापति के निर्देश पर प्रभारी मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने वित्त वर्ष 2014-15 के प्रतिवेदन की एक प्रति सदन पटल पर रखा. वहीं प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बिहार ग्राम कचहरी न्याय मत्रि नियमावली 2016, बिहार सरकार के वाणिज्यकर विभागीय अधिसूचनाओं की एक-एक प्रति सदन पटल पर रखा. पुन: चार मिनट कह हंगामे के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

इसके पहले भोजनवकाश के पहले सदन की कार्यवाही लगभग दो मिनट चली. सत्ता पक्ष व विपक्ष की आपसी नोंक-झोंक, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से सदन की कार्यवाही नहीं चली.

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