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दो घंटे का ऑपरेशन और छह साल का ‘ सन्नाटा ’ दूर
गुड न्यूज : एनएमसीएच में बिहार- झारखंड में कॉक्लीयर इम्पलांट की हुई पहली सर्जरी, अब सुन और बोल सकेगी बच्ची पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इनएटी विभाग में शुक्रवार को पूर्णिया जिला से आयी छह साल की मूक-बधिर बच्ची का आॅपरेशन हुआ. इस आॅपरेशन के साथ विभिन्न बीमारियों से जुड़े छह अन्य […]
गुड न्यूज : एनएमसीएच में बिहार- झारखंड में कॉक्लीयर इम्पलांट की हुई पहली सर्जरी, अब सुन और बोल सकेगी बच्ची
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इनएटी विभाग में शुक्रवार को पूर्णिया जिला से आयी छह साल की मूक-बधिर बच्ची का आॅपरेशन हुआ. इस आॅपरेशन के साथ विभिन्न बीमारियों से जुड़े छह अन्य मरीजों का आॅपरेशन किया गया. आॅपरेशन दो घंटे से अधिक समय तक चला. विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर व आयोजन समिति के सचिव डॉ सत्येंद्र शर्मा ने बताया कि बिहार-झारखंड के राज्यस्तरीय मेडिकल कॉलेज में पहला आॅपरेशन हुआ है. हालांकि, एम्स में ऐसे आॅपरेशन की सुविधा है.
अहमदाबाद से आये विशेषज्ञ : आयोजन समिति के अध्यक्ष व अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज से आये इएनटी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ राजेश विश्वकर्मा ने दो घंटे तक बच्ची का आॅपरेशन किया. आॅपरेशन का सीधा प्रसारण प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया जा रहा था, जिसे विभाग में 40 इएनटी बिहार-झारखंड का वार्षिक अधिवेशन व 11वां डाॅ एलएच हीरानंदिनी कार्यशाला में बिहार-झारखंड से आये 150 चिकित्सकों ने देखा.
विभागाध्यक्ष के अनुसार आॅपरेशन में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के साथ डॉ चंद्रशेखर, डॉ सत्येंद्र शर्मा, डॉ मनोज कुमार वर्मा, डॉ चंदन कुमार, डॉ मनीष, डॉ उमेश, डॉ संतोष व डॉ प्रशांत भी शामिल थे, जबकि बाहर से आये प्रमुख डॉक्टरों में हल्दीपुर बेंगलुरु से डॉ दीपक, नागपुर से डॉ मदन कापड़े, दिल्ली से डॉ पीपी सिंह,डॉ अरुण गोयल,डॉ केके हांडा, कोलकाता से डॉ अमिताभ राय चौधरी, मुंबई से डॉ विकास अग्रवाल थे.इन लोगों की उपस्थिति में शल्य चिकित्सा हुई.
दो दिनों तक होगा अधिवेशन : जन्मजात बहरापन दूर करने के लिए हुई शल्य चिकित्सा के साथ इएनटी विभाग में इएनटी चिकित्सकों का अधिवेशन आरंभ हो गया. विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि शनिवार व रविवार को अधिवेशन होगा, जिसमें चिकित्सक शोध पत्र खुला व वैज्ञानिक सत्र के साथ शोध पत्र बिहार- झारखंड से आये चिकित्सक व विशेषज्ञ रखेंगे. चिकित्सकों ने बताया कि कॉक्लीयर इम्पलांट की पहली सर्जरी में लगभग छह लाख रुपये का खर्च आया है, जो मरीज के परिजन व विभाग के चिकित्सक के सहयोग से हुआ है.
कॉक्लीयर इम्पलांट की मिलेगी सुविधा : अस्पताल के अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह व विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि केंद्र सरकार की असिसटेंस टू डिसेबल पर्सन फॉर परचेज (एडीआइपी) योजना के तहत केंद्र सरकार की सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण विभाग के आर्थिक सहयोग से नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इएनटी विभाग में केंद्र सरकार के द्वारा चयनित नोडल एजेंसी के सहयोग से मरीजों को उपकरण लगाया जायेगा. अधीक्षक ने बताया कि इसके लिए कंपनी से करार हो गया है. अगले साल से मरीजों को यह सुविधा मिलने लगेगी.
बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद के इएनटी विभाग के डॉ राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि बच्ची के दायीं कान में दो घंटे के आॅपरेशन के बाद ट्रांसमीटर मशीन लगायी गयी है. बाहर में छोटा स्पीच प्रोशेशर लगाया गया है. चिकित्सक के अनुसार यह मशीन चार सप्ताह बाद काम करने लगेगी. दस दिन बाद बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दी जायेगी.
विभागाध्यक्ष ने बताया कि बच्ची को स्पीच थेरापी करायी जायेगी, फिर बच्ची धीरे-धीरे बोलना आरंभ करेगी. इसमें एक साल का वक्त लगेगा. विभागाध्यक्ष के अनुसार कॉक्लीयर इम्पलांट की पहली सर्जरी के साथ छह अन्य मरीजों की इनएटी बीमारी से जुड़े मरीजों की शल्य चिकित्सा हुई.
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