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अंतरजातीय विवाह योजना : जातीय भेदभाव मिटाने की पहल
समाज में जातीय पूर्वाग्रहों को खत्म करने के लिए सरकार अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए अंतरजातीय विवाह योजना भी चला रही है, जिसमें समय-समय पर कई बदलाव भी किये गये हैं. ताकि समाज में भेद-भाव और जाति बंधन को समाप्त किया जा सके. इस वितीय वर्ष 500 लाभार्थियों को लाभ देने […]
समाज में जातीय पूर्वाग्रहों को खत्म करने के लिए सरकार अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए अंतरजातीय विवाह योजना भी चला रही है, जिसमें समय-समय पर कई बदलाव भी किये गये हैं. ताकि समाज में भेद-भाव और जाति बंधन को समाप्त किया जा सके. इस वितीय वर्ष 500 लाभार्थियों को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए पांच करोड़ रुपये भी आवंटित किये गये हैं.
अंतरजातीय विवाह योजना के तहत हिंदू समाज में व्याप्त जाति प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से अंतरजातीय विवाह करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है. इस योजना के तहत दूसरी जाति में विवाह करने वाली महिलाओं को एक लाख रुपये की राशि का भुगतान राष्ट्रीयकृत बैंक के फिक्सड डिपॉजिट के रूप में किया जाता है, जिसकी न्यूनतम अवधि तीन वर्षों की है. शादी के तीन साल बाद ही वधू इस राशि काे निकाल सकेगी.
एक लाख की मदद
मार्च में 2014 के बाद शादी करने वाले प्रति जोड़ों को Rs 50 हजार की राशि दी जाने का प्रावधान था. दो सितंबर 2015 में इसमें संशोधन करते हुए योजना का लाभ 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दी गयी है. साथ ही पूर्व में रखी शर्तों में बदलाव करते हुए अब किसी भी दो अलग-अलग जातियों में विवाह करने वाले जोड़ों को लाभ दिया जाना है.
योजना में बड़े बदलाव
इसके बाद इसे सरल बनाते हुए इसकी राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 कर दी गयी है. बावजूद इसके लाभार्थी पीछे रहने के कारण फिर से इसे संशोधित किया गया. इसके अंतर्गत मार्च में 2014 के बाद शादी करने वाले प्रति जोड़ों को 50 हजार रुपये की राशि दी जाने का प्रावधान किया था.
यहां करें आवेदन : जिला बाल संरक्षण इकाई से आवेदन लेकर वर-वधू का आवासीय, जाति व जन्म प्रमाण पत्र के साथ जमा करें. साथ ही विवाह के निबंधन प्रमाण, संयुक्त फोटो व पहचान पत्र के साथ जमा कराएं. आवेदनों की जांच बीडीओ करते हैं. उसके बाद डीडीसी व डीएम द्वारा स्वीकृति मिलने पर वधू को राशि दी जाती है.
ध्यान रखें
लाभार्थी सही-सही डॉक्यूमेंट दें. आवेदन करने के लिए वर के गृह जिले का उल्लेख अनिवार्य है. अगर आवेदन दूसरे जिलों में भी किया जाता है, तो वह रिजेक्ट की श्रेणी में चला जायेगा.
किसे मिलेगा लाभ : दूसरी जाति में शादी करने वालों को मिलेगा लाभ. शादीशुदा होने के बावजूद दूसरा विवाह करने और तलाकशुदा जोड़ों को इससे वंचित रखा गया है.
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