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दो महीने में 1.90 लाख अपूर्ण इंदिरा आवासों का हुआ निर्माण

पटना : ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य में अपूर्ण इंदिरा आवासों के निर्माण की गति तेज हो गयी है. उन्होंने बताया कि दो माह में करीब दो लाख अपूर्ण इंदिरा आवासों का निर्माण कराया गया है. प्रतिदिन करीब साढ़े पांच हजार अपूर्ण आवासों का निर्माण पूरा किया जा रहा […]

पटना : ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य में अपूर्ण इंदिरा आवासों के निर्माण की गति तेज हो गयी है. उन्होंने बताया कि दो माह में करीब दो लाख अपूर्ण इंदिरा आवासों का निर्माण कराया गया है. प्रतिदिन करीब साढ़े पांच हजार अपूर्ण आवासों का निर्माण पूरा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 10 जिले ऐसे हैं जिनमें अपूर्ण आवासों का निर्माण बहुत ही असंतोषजनक है. इन जिलों के डीडीसी को नोटिस जारी की जा रही है.
अगली समीक्षा बैठक में उस प्रखंड के हर पंचायत की समीक्षा कर कार्रवाई की जायेगी. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार शुक्रवार को अपूर्ण इंदिरा आवास व मनरेगा योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उनके पदभार लेने के समय राज्य में 12 लाख 87 हजार इंदिरा आवास अपूर्ण थे. इनकी संख्या अब घटकर सात लाख 47 हजार रह गयी है.
जो भी आवास अपूर्ण रह गये हैं उनका निर्माण चार माह में कराने का लक्ष्य सभी जिलों को दिया गया है. अभी लखीसराय, अररिया, वैशाली, मुंगेर, खगड़िया, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, शिवहर और पूर्वी चंपारण जिलों में इंदिरा आवास के निर्माण की गति धीमी है.
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि मनरेगा में छह प्रखंडों में मानव दिवस का सृजन अत्यंत ही खराब रहा है. इसमें पश्चिम चंपारण जिला का पिपरासी प्रखंड, मधुबनी जिला का कलुआही प्रखंड, बेगूसराय जिला का सामो अकहा कुरहा, मुजफ्फरपुर का मुसहरी प्रंखड, वैशाली का हाजीपुर प्रखंड और मुंगेर जिला का बरियारपुर प्रखंड शामिल हैं.
पिपरासी प्रखंड में तो प्रतिदिन एक मानव दिवस का ही सृजन किया गया है जबकि अन्य में प्रतिदिन दो मानव दिवस से भी कम मानव दिवस सृजित है. उन्होंने बताया कि इन प्रखंडों के पीओ और पंचायत रोजगार सेवक पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि मनरेगा में सामग्री मद में केंद्र सरकार पर 150 राशि बकाया है.
यह राशि अभी तक नहीं मिली है. इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. सामग्री मद में 399 करोड़ खर्च किया गया है जबकि मजदूरी मद में 8883 करोड़ का भुगतान किया गया है. स्वच्छता अभियान को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री ने पदाधिकारियों को फटकार लगायी. उन्होंने पूछा कि क्या कारण है शौचालय निर्माण का काम धीमा चल रहा है. अभी तक महज 10 फीसदी राशि ही क्यों खर्च हुई है. अभी तक स्वच्छता मद में 30-40 फीसदी राशि खर्च होनी थी.

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