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पूर्ण शराबबंदी पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची नीतीश सरकार

चुनौती. हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील याचिका दायर सीएम के एलान के एक दिन बाद सरकार ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, तो नया उत्पाद कानून लागू करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की गयी. पटना : बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को निरस्त करने के पटना […]

चुनौती. हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील याचिका दायर
सीएम के एलान के एक दिन बाद सरकार ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, तो नया उत्पाद कानून लागू करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की गयी.
पटना : बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को निरस्त करने के पटना हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सोमवार को राज्य सरकार की ओर से प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की. इस पर सात अक्तूबर को सुनवाई होगी. ललित किशोर ने इसकी पुष्टि की है. राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो चुकी है. यह सरकार का नीतिगत फैसला है.
इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा पांच अप्रैल, 2016 को जारी अधिसूचना को पटना हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया है. याचिका में कहा गया है कि हाइकाेर्ट के फैसले से सरकार सहमत नहीं है. सरकार ने विधानमंडल के सर्वसम्मति से पारित अधिनियम को लागू किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.
गौरतलब है कि पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह के कोर्ट ने 30 सितंबर को सरकार के आदेश को रद्द कर दिया. इसके बाद दो अक्तूबर को प्रदेश में नया उत्पाद कानून लागू करने की औपचारिक घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिये जाने की बात कही थी. अब सबकी नजर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पर होगी.
खजूरबानी कांड आरोपितों के खिलाफ आदेश पर रोक
पटना हाइकोर्ट के 30 सितंबर को शराबबंदी कानून को रद्द कर दिये जाने के अपने फैसले के आधार पर पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों को राहत मिलनी शुरू हो गयी है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस डाॅ रवि रंजन के कोर्ट ने सोमवार को गोपालगंज जिले के खजूरबानी में जहरीली शराबकांड के आरोपितों को राहत दी.
कोर्ट ने 30 अगस्त को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से जारी आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसमें विभाग ने खजूर के पेड़ों की नीलामी, आरोपितों पर कार्रवाई आदि आदेश जारी किया था. कोर्ट ने इस संबंध में 20 अक्तूबर तक सरकार से जवाब भी मांगा है.
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस मामले में उसने किस प्रकार का आदेश जारी किया है. दूसरी ओर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षतावाले पीठ ने जमुई जिले के चंद्रमंडी थाना क्षेत्र से 159 लीटर शराब के साथ गिरफ्तार तीन लोगों में एक कृष्ण कुमार को जमानत दे दी. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार का शराबबंदी का आदेश अल्ट्रा वायरस हो चुका है, जबकि इसी कानून के प्रावधानों के तहत आरोपित तीन महीने से जेल में बंद है. इस पर कोर्ट ने अल्ट्रा वायरस शब्द को अपने आदेश में जोड़ते हुए आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
नया उत्पाद कानून : हाइकोर्ट में याचिका अवमानना का आरोप
राज्य सरकार द्वारा गांधी जयंती पर लागू किये गये नये उत्पाद कानून को पटना हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी है. पटना विवि के रिटायर्ड प्रोफेसर राय मुरारी ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने नया कानून बना कर हाइकोर्ट की अवमानना की है. जब हाइकोर्ट मेंशराबबंदी कानून के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई चल रही थी, उस समय सरकार एक दूसरा कानून बना रही थी. हाइकोर्ट के फैसले के बाद सरकार को समीक्षा करनी चाहिए थी. इसके बाद नये कानून को लागू करना चाहिए.सूत्रों के मुताबिक इस याचिका के पक्ष में वरीय अधिवक्ता विनोद कुमार कंठ पैरवी करेंगे.

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