Advertisement
जमीन की कमी नहीं, राजनीतिक संकल्प से ही भूमि सुधार संभव
पटना : एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से गुरुवार को विकास संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संस्थान सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि भूमि सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था तय करती है. बिहार में गरीबों में बांटने के लिए पर्याप्त जमीन है. […]
पटना : एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से गुरुवार को विकास संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संस्थान सभागार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि भूमि सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था तय करती है. बिहार में गरीबों में बांटने के लिए पर्याप्त जमीन है.
भूमिहीनता हाल के दिनों में जितनी बढ़ी है, वह भयानक है. कोसी, गया, मुजफ्फरपुर भोजपुर, आरा व अन्य इलाकों के लिए अलग-अलग भूमि सुधार नीति बनानी चाहिए. तभी समस्या हल हो सकेगा. बिहार में जमीन की कमी नहीं है, राजनीतिक संकल्प की कमी है. राजनीतिक संकल्प से ही समस्या का समाधान होगा. देशकाल सोसाइटी के सचिव संजय कुमार ने कहा कि देश में प्रति किलोमीटर जन घनत्व 382 है. बिहार में यह आंकड़ा 1102 है. ऐसे में भूमि सुधार की राज्य को अधिक अावश्यकता है. शुभमूर्ति ने कहा कि भूदान आंदोलन का उद्देश्य नया समाज बनाने की थी. इसे सफलता मिली. बाद में इसे सामूहिक रूप दिया गया. कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत इंस्टीट्यूट के निदेशक सुनील रे नेकी. धन्यवाद ज्ञापन विद्यार्थी विकास ने किया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement