पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सरकारी पैनल में अनेक वरीय अधिवक्ताओं के बावजूद शहाबुद्दीन की बेल का विरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में किसी सीनियर वकील को खड़ा नहीं कर बिहार सरकार एक बार फिर बेनकाब हो गयी है. सुप्रीम कोर्ट में बेल के खिलाफ पूरी बहस प्रशांत भूषण ने की और बिहार सरकार ने न्यायालय में यह स्वीकार लिया कि हाइकोर्ट में वह शहाबुद्दीन के खिलाफ ठीक से तथ्यों को नहीं रख पायी थी. शराबबंदी के मामले में राजीव धवन और म्यूजियम के खिलाफ याचिका की पैरवी के लिए नागेश्वर राव जैसे सीनियर वकीलों को बुलाने वाली सरकार अगर चाहती तो शहाबुद्दीन जेल से ही नहीं निकल पाते. दरअसल नीतीश कुमार लालू प्रसाद के बिना और लालू प्रसाद शहाबुद्दीन के बिना नहीं रह सकते हैं.
मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री कभी नहीं चाहते थे कि उन पर शहाबुद्दीन की जमानत के विरोध का तोहमत लगे और लालू प्रसाद इससे बिदके. सरकार के सहयोग से शहाबुद्दीन के जेल से निकलने के बाद सीवान सहित पूरे बिहार में दहशत का माहौल है. पिछले 48 घंटे में सीवान में दो की हत्या हो चुकी है.
बस दुर्घटना के मृतकों के प्रति शोक व्यक्त : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मधुबनी के बसइठ में हुई बस दुर्घटना को दुखद बताते हुए मारे गये लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है. सरकार को अविलंब मृतक के परिजनों को मुआवजा दे.