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आरा-मोहनिया एनएच केंद्र को होगा वापस

केंद्र सरकार से आरा-मोहनिया एनएच को फोर लेन बनाने के लिए एनओसी लिया गया था. अक्तूबर, 2013 में काम शुरू हुआ था. पटना : छह साल बाद बिहार राज्य पथ विकास निगम अारा-मोहनिया नेशनल हाइवे सड़क निर्माण कराने से पल्ला झाड़ रही है. सड़क के निर्माण में बाधा आने के बाद इसे सड़क, परिवहन व […]

केंद्र सरकार से आरा-मोहनिया एनएच को फोर लेन बनाने के लिए एनओसी लिया गया था. अक्तूबर, 2013 में काम शुरू हुआ था.
पटना : छह साल बाद बिहार राज्य पथ विकास निगम अारा-मोहनिया नेशनल हाइवे सड़क निर्माण कराने से पल्ला झाड़ रही है. सड़क के निर्माण में बाधा आने के बाद इसे सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को वापस करने का निर्णय लिया गया है. राज्य की यह दूसरी एनएच सड़क है जिसे केंद्र को वापस होगा. इससे पहले रजौली-बख्तियारपुर एनएच को वापस करने का निर्णय लिया गया है.
कांट्रैक्टर द्वारा सड़क निर्माण के काम में कोताही बरते जाने का आरोप लगा कर उसे टर्मिनेटेड कर दिया गया. जबकि जानकारों का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए मिलनेवाले अनुदान राशि का सहयोग नहीं किये जाने के कारण कांट्रैक्टर को काम करने में परेशानी हुई. इससे कांट्रैक्टर ने काम करना बंद कर दिया. इस प्रोजेक्ट के लिए सड़क निर्माण में होनेवाले कुल खर्च में केंद्र को 20 फीसदी व बिहार सरकार को साढ़े 12 फीसदी राशि सहयोग करना था.
बिहार सरकार ने आरा-मोहनिया एनएच को फोर लेन बनाने के लिए केंद्र सरकार से एनओसी लिया था. छह साल पहले वर्ष 2011 में आरा-मोहनिया फोर लेन निर्माण के लिए कांट्रैक्टर के साथ एग्रीमेंट हुआ था. फोर लेन बनाने का काम अक्तूबर 2013 में शुरू हुआ था. कांट्रैक्टर को अप्रैल 2016 में फोर लेन बनाने का काम पूरा करना था. पटना-बक्सर एनएच 30 का हिस्सा होने के कारण आरा-मोहनिया सड़क पर वाहनों का अधिक दवाब है. इससे सड़क की स्थिति खराब है. आरा-मोहनिया एनएच को केंद्र को वापस करने का निर्णय लिया गया है. ताकि केंद्र सरकार सड़क के निर्माण
के लिए नये सिरे से कार्रवाई शुरू कर सके.
आरा-मोहनिया सड़क को टू लेन से फोर लेन बनाने का जिम्मा बिहार सरकार ने लिया था. वर्ष 2008 में इसके लिए केंद्र से एनओसी की मांग हुई थी. केंद्र सरकार ने फोर लेन बनाने के संबंध में एनओसी की स्वीकृति दी थी. फोर लेन बनाने के लिए मुंबई की कंपनी अटलांटा का चयन हुआ था. फोर लेन बनाने के लिए अनुदान स्वीकृत हुआ था. इसमें 20 फीसदी केंद्र व साढ़े 12 फीसदी राशि बिहार सरकार को सहयोग करना था. शेष राशि एजेंसी खुद इंतजाम करती. केंद्र सरकार द्वारा 183़ 36 करोड़ व बिहार सरकार द्वारा 114़ 64 करोड़ खर्च करना है. इसके अलावा फोर लेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण, पर्यावरण आदि पर होनेवाले खर्च 160 करोड़ बिहार सरकार को वहन करना है. आरा से मोहनिया के बीच 116 किलोमीटर फोर लेन के निर्माण पर लगभग एक हजार करोड़ खर्च अनुमानित है.
सड़क की स्थिति जर्जर
आरा-मोहनिया एनएच में कांट्रैक्टर द्वारा लगभग 22 फीसदी काम हुआ. इसके बाद कांट्रैक्टर द्वारा काम में कोताही बरते जाने पर उसे टर्मिनेट कर दिया. काम बंद होने सड़क की स्थिति जर्जर है. सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है. अक्सर दुर्घटनाएं हो रही है. विभागीय सूत्र ने बताया कि केंद्र की सड़क होने पर इसकी मरम्मत को लेकर उसे निर्णय लेना है. केंद्र चाहे तो फिर से टेंडर निकालकर सड़क की मरम्मत करवा सकती है.

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