पटना: राज्य में शनिवार से खाद्य सुरक्षा कानून के लागू होने के मद्देनजर जनवितरण प्रणाली की मॉनीटरिंग के लिए मॉनीटरिंग के लिए पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक विजिलेंस समिति का गठन किया जायेगा. इसके अलावा अति पिछड़ा, पिछड़ा व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए निर्गत होनेवाले जाति प्रमाणपत्रों की जांच के लिए अलग से निदेशालय का गठन किया जायेगा. शुक्रवार को राज्य कैबिनेट ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दी.
कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि राज्यस्तरीय विजिलेंस कमेटी के अध्यक्ष खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री होंगे. राज्यस्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष व सभी सदस्य, ग्रामीण विकास मंत्री, नगर विकास मंत्री, पंचायती राज मंत्री, सहकारिता मंत्री, एससी-एसटी कल्याण मंत्री, पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, समाज कल्याण मंत्री, सरकार द्वारा मनोनीत पांच सांसद, 10 विधायक व विधान पार्षद और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे.
इसके अलावा ग्रामीण विकास, नगर विकास, पंचायती राज, सहकारिता, एससी-एसटी कल्याण, पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण विभाग के प्रधान सचिव, राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 10 सदस्य, जिनमें एससी, एसटी, महिला, नि:शक्त, अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा वर्ग के एक -एक सदस्य और जनवितरण प्रणाली विक्रेता संगठन के दो प्रतिनिधि सदस्य रहेंगे.
इसी तरह जिलास्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष जिले के प्रभारी 20 सूत्री मंत्री अध्यक्ष होंगे. जिला 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष व सदस्य, जिला पर्षद के अध्यक्ष सदस्य होंगे. डीएम सदस्य सचिव होंगे. एसपी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिले के सभी एसडीओ, जिला पर्षद के उपाध्यक्ष व सभी सदस्य, जिले के सभी विधायक, विधान पार्षद, सांसद द्वारा मनोनीत एक-एक प्रतिनिधि, तेल कंपनियों के प्रतिनिधि, राज्य सरकार द्वारा मनोनीत एक नि:शक्त व्यक्ति व जनवितरण प्रणाली विक्रेता संगठन के दो प्रतिनिधि सदस्य होंगे.
प्रखंडस्तरीय विजिलेंस कमेटी में प्रखंड 20 सूत्री कमेटी के अध्यक्ष समिति के अध्यक्ष व बीडीओ सदस्य सचिव होंगे. प्रखंडस्तरीय 20 सूत्री कमेटी के उपाध्यक्ष व सदस्य, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, नगर पर्षद/ नगर पंचायत के अध्यक्ष, प्रखंड के प्रमुख, उप प्रमुख व सभी पंचायत समिति सदस्य, क्षेत्रीय विधायक व सांसद अथवा उनके द्वारा मनोनीत सदस्य, डीएम द्वारा मनोनीत एक नि:शक्त प्रतिनिधि, प्रखंडस्तरीय जनवितरण प्रणाली विक्रेता संगठन के दो प्रतिनिधि सदस्य होंगे.
शहरी निकाय स्तर पर नगर निगम / नगर पर्षद व नगर पंचायत के वार्ड पार्षद संयोजक होंगे. वार्ड के निकटतम वोटों से पराजित वार्ड पार्षद का उम्मीदवार, डीएम द्वारा मनोनीत एक नि:शक्त व्यक्ति सदस्य होंगे. पंचायतस्तरीय विजिलेंस कमेटी में मुखिया संयोजक होंगे. इनके अलावा सरपंच, पंचायत के निकटम वोट से पराजित मुखिया प्रत्याशी, पंचायत के निकटतम वोट से पराजित सरपंच के प्रत्याशी, सभी वार्ड सदस्य च सभी पंच सदस्य होंगे. मंत्रिमंडल ने इसके अलावा 2014-15 के लिए बजट, लेखानुदान, प्रथम विनियोग विधेयक व वित्त विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी है.