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बैजू राम अरेस्ट, सर्टिफिकेट के गलत सत्यापन का चार्ज

मंगलवार को कफन पहन कर रहे थे प्रदर्शन पुष्यमित्र पटना : मंगलवार को कफन पहन कर अपने हक के लिए प्रदर्शन करने मुजफ्फरपुर से आये महादलित बैजूराम को राजधानी पटना में न्याय तो नहीं मिला, उल्टे पुलिस ने उसे 24 घंटे थाने में रखने के बाद बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस कह रही […]

मंगलवार को कफन पहन कर रहे थे प्रदर्शन
पुष्यमित्र
पटना : मंगलवार को कफन पहन कर अपने हक के लिए प्रदर्शन करने मुजफ्फरपुर से आये महादलित बैजूराम को राजधानी पटना में न्याय तो नहीं मिला, उल्टे पुलिस ने उसे 24 घंटे थाने में रखने के बाद बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस कह रही है कि बैजू राम पर आठवीं से प्रमाणपत्र के फर्जी सत्यापन का आरोप है. इस मामले में मुजफ्फरपुर के एक थाने में उस पर मामला दर्ज है. इसी सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया गया है, देर रात मुजफ्फरपुर की पुलिस आकर उसे अपने साथ ले जानेवाली है.
हैरत यह है कि बैजू राम को उस इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है, जिसको लेकर केंद्र सरकार लचीला रुख अपना रही है. अब कई प्रमाणपत्रों को सेल्फ अटेस्टेड भी प्रस्तुत किया जा सकता है.
बुधवार की शाम राजधानी पटना के शास्त्रीनगर थाने में हाजत में बंद बैजू राम ने बताया कि सुबह थाना प्रभारी देवेंद्र यादव उन्हें लेकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव के पास गये थे. वहां, सचिव महोदय ने उनकी शिकायत तो सुनी नहीं, उल्टे उसे ही भगोड़ा करार दिया. कहा, कि उसके खिलाफ आठवीं कक्षा के प्रमाणपत्र को फरजी तरीके से सत्यापित कराने का आरोप है.
इसके बाद थाना प्रभारी उसे लेकर शास्त्रीनगर थाना पहुंचे और उसे हाजत में बंद कर दिया गया.थाना प्रभारी ने बताया कि 2014 में उसके खिलाफ मुजफ्फरपुर में एफआइआर दर्ज कराया गया था. मगर न बैजू राम ने आत्म समर्पण किया और न ही वहां की पुलिस उसे गिरफ्तार कर पायी. इसी सिलसिले में अब मुजफ्फरपुर की पुलिस उसे लेने पटना आ रही है.
हालांकि, बैजू ने कहा कि वह दो बार मुजफ्फरपुर के तत्कालीन डीएम से और तीन दफा एमआईटी, मुजफ्फरपुर के प्राचार्य से प्रमाणपत्र सत्यापित करा चुका है. इसके बावजूद प्रमाणपत्र के फरजी सत्यापन का आरोप लगाया जा रहा है. वह न्याय के लिए आया था, मगर उसे अपराधी बना दिया गया है. वह खुद के महादलित होने की सजा भुगत रहा है.
वह मुख्यमंत्री के जनता दरबार समेत हर जगह 2009 से लगातार गुहार लगा रहा है, मगर लोग आश्वासन तो देते हैं, उसकी नौकरी फिर से बहाल नहीं हो पा रही. इसलिए वह आखिरी बार पटना आया है. अगर नौकरी मिली तो ठीक वरना वह परिवार के साथ खुदकुशी कर लेगा. मगर मंगलवार को उसे विश्वेश्वरैया भवन के सामने से शास्त्रीनगर थाने के प्रभारी उठा कर ले गये और आज उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
क्या है मामला
बैजू राम मंगलवार को कफन पहन कर अपनी नौकरी के बारे में आखिरी फैसला सुनने आये थे. उनका कहना था कि माली के रूप में उन्होंने 15 साल तक लगातार मुजफ्फरपुर के कमिश्नर के आवास में दिन-रात काम किया है और दो साल तक एमआइटी, मुजफ्फरपुर में नौकरी की है.
इसके बावजूद उसकी सेवा को नियमित करने के बदले सेवा समाप्त कर दी गयी है. उसका आरोप है कि 50 हजार की रिश्वत की मांग पूरी नहीं करने की वजह से उसके साथ ऐसा किया गया है.

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