पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 1984 के सिख विरोधी दंगे और 1989 में बिहार के भागलपुर दंगा के लिए जिम्मेवार ठहराने तथा किशनगंज में एएमयू की शाखा को लेकर की गयी टिप्पणी पर कडा एतराज जताते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को यह स्मरण कराना चाहती है कि बिहार में सरकार उसके ही समर्थन से चल रही है, ऐसे में तथा उसपर और उसके नेताओं पर राजनीतिक हमले करना उसके धैर्य की परीक्षा लेने जैसा है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी प्रेम चंद्र मिश्र ने आज कहा कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यमंत्री को यह स्मरण कराना चाहती है कि बिहार में उनकी सरकार कांग्रेस के ही समर्थन से चल रही है. कांग्रेस तथा उसके नेताओं पर जिस तरह से वह राजनीतिक हमले कर रहे हैं, न सिर्फ अनैतिक है बल्कि कांग्रेस के धैर्य का परीक्षा लेने जैसा है.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस कथन पर कि 2002 में गुजरात दंगे भड़काने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है जबकि कांग्रेस सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोकने की कोशिश की थी, इसके बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि कांग्रेस सिख विरोधी दंगे और वर्ष 1989 में बिहार के भागलपुर दंगा के लिए तथा भाजपा सरकार गुजरात दंगे के लिए जिम्मेवार है.
नीतीश के इन आरोपों को उनकी हताशा का परिचायक बताते हुए मिश्र ने कहा कि विगत कुछ दिनों से वह भाजपा की जगह अब कांग्रेस पर जिस ढंग से निशाना साध रहे हैं उससे यह प्रतीत होता है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के संभावित गठबंधन ने उन्हें राजनीतिक तौर पर परेशान कर दिया है. उन्होंने नीतीश से जानना चाहा है कि 1989 के भागलपुर दंगे के कई अभियुक्त क्या उसी पार्टी के सदस्य नहीं थे जिसके खुद नीतीश उन दिनों एक बडे नेता थे.