अगर गायों और नीलगायों से इतनी ही सहानुभूति रखते हैं, तो उन्हें संघ और भाजपा के नेता अपनी शाखाओं में रखें. इन्हें सड़कों पर न छोड़ें, जिससे कि यह परेशानी का कारण बने. उन्होंने दावा किया, संघ और भाजपा एक सिक्के के दो पहलू हैं. भाजपा संघ का ही एक चेहरा है. जदयू कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वह भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के जूते का फोटो लें और उन्हें दिखा कर पूछें कि वे किस चमड़े के जूते पहने हुए हैं. गाय के नाम पर भाजपा और संघ देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि संघमुक्त देश बने.’
ऐसी सांप्रदायिक शक्तियों की साजिशों से देश और प्रदेश को बचाना है और सोशल मीडिया के भड़काने वालीबातों से बचना है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद जो शराब के आदी थे, वे भी सुधर गये है और अब सरकार के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं. बिहार में हमारी सरकार ने पीढ़ियों के भविष्य को संभालने का काम किया है और अब हर कोई हमारी सरकार के इस काम का सहयोग कर रहा है.
उसके बाद 2019 में जोरदार तरीके से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले जदयू नेता शरद यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा के वादों के बाद भी देश में रोजगारों में कमी नहीं आयी है और एक करोड़ 30 लाख बेरोजगार सड़क पर हर साल आते हैं. उन्हाेंने कहा कि यह कांवरिये जो इतनी बड़ी संख्या में सड़क पर आकर जल चढ़ाने जाते हैं वह भी देश में एक तरह से बढ़ती बेरोजगारी का ही सबूत है. अगर युवा बेरोजगार न होते, तो इतनी अधिक संख्या में कांवरिये जल चढ़ाने के लिए सड़कों पर नहीं उतरते. उनके इस बयान के विरोध में कानपुर के रामादेवी चौराहे पर शिवसेना ने शरद यादव का पुतला फूंका.