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रिपोर्ट नहीं देने वाले एनजीओ पर कार्रवाई
उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने राज्य में रजिस्टर्ड सभी 45 हजार सोसाइटी को दिया आदेश पटना : राज्य में सोसाइटी एक्ट के तहत निबंधन कराने वाले सोसाइटी या एनजीओ की संख्या 45 हजार से ज्यादा है. यह आंकड़ा 2015-16 तक का है. इसमें अभी तक महज सात हजार एनजीओ ने ही अपनी ऑडिट […]
उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने राज्य में रजिस्टर्ड सभी 45 हजार सोसाइटी को दिया आदेश
पटना : राज्य में सोसाइटी एक्ट के तहत निबंधन कराने वाले सोसाइटी या एनजीओ की संख्या 45 हजार से ज्यादा है. यह आंकड़ा 2015-16 तक का है. इसमें अभी तक महज सात हजार एनजीओ ने ही अपनी ऑडिट रिपोर्ट विभाग को भेजी है. इससे यह पता चलता है कि अधिकांश एनजीओ काम नहीं कर रहे हैं या फर्जी तरीके से चल रहे हैं. कई ने सिर्फ रजिस्ट्रेशन करवाकर इसे यू ही छोड़ रखा है.
अब विभाग ऐसे बेकार पड़े सभी रिजस्टर्ड सोसाइटी का निबंधन रद्द करने जा रहा है. उत्पाद आयुक्त सह निबंधन आइजी एके दास ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि सभी रजिस्टर्ड एनजीओ को 16 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपने का आदेश जारी किया गया है.
इस निर्धारित तारीख के बाद जो एनजीओ अपनी रिपोर्ट जमा नहीं करेंगे, उनका रजिस्ट्रेशन नोटिस जारी करने के बाद रद्द किया जायेगा. बचे हुए सभी रजिस्टर्ड सोसाइटी या एनजीओ का पूरा प्रोफाइल ऑनलाइन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन फीस में भी बढ़ोतरी जल्द की जायेगी. विभाग ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है.
अब कोई व्यक्ति ऑनलाइन भी किसी सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करने की सुविधा है. आरटीपीएस (राइट टू प्रोटेक्शन ऑफ सर्विस) एक्ट के तहत आवेदन करने के 15 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन मिल जायेगा.निबंधन विभाग के तमाम दस्तावेजों को डिजिटलाइजेशन करने का काम शुरू हो गया है. अब तक 1995 से लेकर 2016 तक राज्य में हुई जमीन रजिस्ट्री के सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन कर दिया गया है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को प्रोत्साहन
आयुक्त ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. हालांकि इसकी रफ्तार बेहद धीमी है. जून से शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत अब तक महज 40 रजिस्ट्री ही हुई है.
इसे बढ़ाने के लिए जल्द ही टीवी पर विज्ञापन दिया जायेगा और जिंगल भी बनाया जायेगा. ऑनलाइन रजिस्ट्री को प्रोत्साहन करने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस में एक फीसदी की छूट दी जा रही है. साथ ही मोरगेज या डीड बनाने में लगने वाला स्वास्थ्य और शिक्षा दो फीसदी सेस को घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है. वर्तमान 123 में 70 निबंधन कार्यालय कंप्यूटरकृत कर दिया गया है.
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