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प्रदर्शन ने रोक दिया शहर का रास्ता
परेशानी: विभिन्न संगठनों का धरना-प्रदर्शन, चार घंटे रहा महाजाम, ट्रैफिक की सुस्त रही चाल विधानसभा सत्र शुरू होते ही धरनास्थल पर प्रदर्शनकारियों का जुटान तेज हो गया है. सोमवार को शिक्षक, रसोइया व आंगनबाड़ी कर्मियों के संगठन के सदस्य भारी संख्या में धरनास्थल पर पहुंचे और उनकी चहलकदमी के बीच शहर के आधे इलाके की […]
परेशानी: विभिन्न संगठनों का धरना-प्रदर्शन, चार घंटे रहा महाजाम, ट्रैफिक की सुस्त रही चाल
विधानसभा सत्र शुरू होते ही धरनास्थल पर प्रदर्शनकारियों का जुटान तेज हो गया है. सोमवार को शिक्षक, रसोइया व आंगनबाड़ी कर्मियों के संगठन के सदस्य भारी संख्या में धरनास्थल पर पहुंचे और उनकी चहलकदमी के बीच शहर के आधे इलाके की ट्रैफिक व्यवस्था धराशायी हो गयी.
गर्दनीबाग, अनिसाबाद, आर ब्लॉक के इलाके में गाड़ियां सड़कों पर ठहर सी गयीं. तेज धूप से लोग बेहाल रहे. ट्रैफिक प्लान काम नहीं कर रहा था. इस चार घंटे के महाजाम ने ट्रैफिक की पूरी चाल ही बदल कर रख दी.
पटना : गर्दनीबाग में विभिन्न संगठनों के धरना-प्रदर्शन के कारण अनिसाबाद से आर ब्लॉक रूट चार घंटे से अधिक तक जाम रहा. पूरा इलाका इस दौरान अस्त-व्यस्त रहा. गाड़ियां अपनी-अपनी जगह घंटों रुकी रहीं. धरनास्थल पर विभिन्न संगठनों के पांच हजार से अधिक प्रदर्शनकारी जुटे थे.
सुरक्षा कारणों से धरनास्थल का गेट बंद कर दिया गया था. जिसके बाद प्रदर्शनकारी गर्दनीबाग पुल से विधानसभा घेराव करने के लिए आगे बढ़ रहे ही थे कि उन्हें पुराना सचिवालय के पास रोक लिया गया. इस दौरान अनिसाबाद तक गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. वहीं, आर-ब्लॉक पर भी भीषण जाम की स्थिति बनी रही. स्टेशन व इनकम टैक्स गोलंबर की ओर से आनेवाली गाड़ियां आर-ब्लॉक चौराहे पर फंसी रहीं.
गाड़ियों को डायवर्टेड रूट से भेजा गया : जाम की स्थिति से निबटने के लिए पुलिस बलों ने गांड़ियों को डायवर्टेड रूट से गाड़ियों को भेजना शुरू किया. ऑर ब्लॉक की ओर से अनिसाबाद की ओर जाने वाली गाड़ियां रोड नंबर एक से होते हुए रोड नंबर चार और पांच होते हुए आगे बढ़ रही थीं. वहीं, चितकोहरा से गाड़ियों को पटना जू की ओर से भेजा जा रहा था.
लेट से अस्पताल पहुंचे डॉक्टर : भीषण प्रदर्शन और जाम के कारण मरीज गर्दनीबाग अस्पताल समय पर नहीं पहुंच सके. कई मरीज अन्य अस्पताल की ओर रूख कर गये. वहीं, मरीज और उनके परिजन घंटों परिसर में कैद रहे. वे दवा तक बाहर लाने नहीं जा सके. कई डॉक्टर भी अस्पताल समय पर नहीं पहुंच पाये.
आंगनबाड़ी सेविकाओं को सरकारी कर्मी का दर्जा देने, स्थायी वेतन देने, अनुकंपा के नियमों को लागू करने आदि मांगों को लेकर सोमवार को बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया. इसमें बिहार भर की आंगनबाड़ी सेविकाएं व सहायिका पहुंचीं.
जहां, उन्होंने एकीकृत बाल विकास सेवा के तहत काम करने के बदले मिलने वाले मानदेय के खिलाफ अावाज उठायी. संघ की प्रदेश अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि सरकार की जनकल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिका से करायी जा रही है. इसके लिए उनसे 12 -12 घंटे का काम भी कराया जा रहा है.
लेकिन इसके बदले मिलने वाले मानदेय मजदूर अधिनियम के खिलाफ मात्र 3750 रुपये के मानदेय दिये जा रहे हैं. जबकि उनकी निर्धारित कार्य अवधि चार घंटे ही है. ऐसे में सरकार से मांग है कि 1975 से कार्यरत आंगनबाड़ी सेविकाओं को सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाये.
मध्याह् भोजन योजना को एनजीओ व निजी ठेकेदारों पर रोक लगाने, 1500 प्रतिमाह मानदेय देने आदि 11 सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य मध्याह भोजन रसोइया संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से विधानसभा मार्च निकाला गया. इसमें बिहार भर के प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत रसोइया शामिल होकर अपनी मांगों को रखा.
इसमें संघ के राज्य अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि सरकार हजार रुपये के मानदेय पर रसोइया से खाना बनाने का काम ले रही है. यहां तक स्कूल में होने वाली घटना दुर्घटना के रूप में अक्सर दोषी ठहरा कार्रवाई की जाती है.
ऐसे में सरकार अब इन रसोइयों को हटा कर इनकी जगह एनजीओ अौर निजी ठेकेदारों को देने की बात कह रही है. ऐसे में इसके विरोध में रसोइया संघ ने इनपर कार्रवाई करने व 15 सौ रुपये मानदेय देने, प्रतिमाह वेतन देने व उन्हें नियुक्ति पत्र , मातृत्व अवकाश व कार्य अवधि में मृत रसोइया के अाश्रितों को चार लाख का मुआवजा देने की मांग की है.
समान काम के लिए समान वेतन, नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की सेवाशर्त नियमावली, माध्यमिक विद्यालयों में दो हजार से अधिक प्रध्यानाध्यापक के पद रिक्त आदि मांगों को लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की आेर से सोमवार को गर्दनीबाग धरनास्थल पर धरना दिया गया. इस मौके पर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षक, कर्मी आदि शामिल थे.
धरना के दौरान संघ के अध्यक्ष और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों और कर्मियों की समस्याएं पिछले एक साल से लंबित है. शिक्षा विभाग इन समस्याअों के समाधान के प्रति गंभीर नहीं है. वहीं संघ के महासचिव केदार नाथ पांडेय ने बताया कि अभी तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. धरना स्थल पर संजीव किुमार सिंह, प्रो. संजय कुमार सिंह, इंद्रशेखर मिश्र आदि मौजूद थे.
उर्दू बांग्ला स्पेशल टीइटी प्रभावित संघ के अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. अभ्यर्थी ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक 12 हजार उर्दू अभ्यर्थी के रिजल्ट को मान्यता नहीं मिल जाती है, जब तक भूख हड़तालसमाप्त नहीं होगा. सोमवार को भूख हड़ताल पर बैठे कई अभ्यर्थी को गंभीर हालत में पीएमसीएच में भरती कराया गया.
यह जानकारी संघ के अध्यक्ष मुफ्ती हसन रजा अमजदी और सचिव नसीम अली ने दी. उन्हाेंने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक बार पास कर मार्क्स सीट दे दिया. लेकिन बाद में बहाली के समय मार्क्स सीट को कैंसिल कर दिया गया. ऐसे में हजारों अभ्यर्थी फंस गये हैं.
पूर्ण वेतनमान और सेवा शर्त बनाने की मांग को लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर सभा आयोजित की. इस मौके पर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह सभाध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षक विरोधी नीति अपना रही है. वहीं पूर्ण वेतनमान को भी नहीं बनाया गया है.
अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे नहीं दिया गया है. इस मौके पर नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ गणेश शंकर पांडेय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नियोजित व पुस्तकालय अध्यक्षों को संपन्न बनाना होगा.
नियोजित शिक्षकों के उत्पीड़न एवं शिक्षा व्यवस्था में अव्यवस्था को दूर करने को लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक महासंघ की आेर से चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. यह घोषणा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश भारती ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान की. राकेश भारती ने कहा कि आंदोलन का पहला चरण छह से 30 अगस्त तक चलेगा.
इस दौरान मांगों के संबंध में जागरण पखवाड़ा मनाया जायेगा. इसके बाद एक से 30 सितंबर तक बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में शिक्षक स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. इस मौके पर प्रदेश महामंत्री मनोज कुमार, संजय कुमार सुमन, अश्विनी कुमार आदि मौजूद थे.
सात सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य संबंद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ की ओर से विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व महासंघ के संयोजक डाॅ शंभूनाथ सिन्हा ने किया. प्रदर्शन चितकोहरा गोलंबर से गर्दनीबाग गेट नंबर एक तक किया गया.
इस मौके पर डाॅ शंभूनाथ सिन्हा ने कहा कि सरकार से समान कार्य के लिये समान वेतन की मांग की गयी है. समता के सिद्धांत के आधार पर संबंद्ध डिग्री कॉलेजों को शिक्षा कर्मियों को वेतनमान लागू किया जाये. इस मौके पर प्रो राजीव रंजन, डाॅ राकेश कुमार, डाॅ मनोज झा आदि मौजूद थे.
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