पटना: बहुचर्चित संतोषा अपार्टमेंट की कार्रवाई पर नगर निगम की चाल अब धीमी हो गयी है. शहर में अवैध निर्माण करने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की बदौलत निगम की कार्रवाई नजीर बनने में कोताही बरत रही है. भले ही अपार्टमेंट में रहनेवाले लोग अपना फ्लैट खाली कर चले गये हों और निगम ने पहले फेज में अवैध निर्माण का भीतरी हिस्सा तोड़ दिया हो, लेकिन तीनों फ्लोरों को पूर्ण रूप से तोड़ने पर निगम एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने के इंतजार में है.
हालांकि कोर्ट पहले ही निर्माण को तोड़ने का आदेश जारी कर चुका है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह के अनुसार बीते दिनों नगर निगम ने अपने पहले फेज की कार्रवाई की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भेज दी थाी. अब निगम सभी अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए कंपनी के प्रेजेंटेशन और लगने वाली राशि की जानकारी भेजा है. यानी तोड़ने की कार्रवाई नगर निगम अपने स्तर से पूरा नहीं कर हर अगले कदम पर कोर्ट के निर्देश का इंतजार है.
नगर आयुक्त के अनुसार नगर निगम एक बार फिर तोड़ने के खर्च की जानकारी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भेजेगा. रिपोर्ट में कार्रवाई पूरा करने के लिए दो माह से अधिक समय की मांग होगी. इसके अलावा निगम तोड़ने के काम को पूरा करने के लिए चार करोड़ की राशि कहां से खर्च करेगा. इस पर राय मांगी जायेगी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अवैध हिस्से को तोड़ने के लिए 70 लाख रुपये निगम को दिये हैं, जबकि इसे तोड़नेवाली कंपनी चार करोड़ की मांग कर रही है.