इंटरनल ऑडिट के बाद होगी प्राथमिकी दर्ज
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विस उप सचिव निलंबित 14 लाख गबन का मामला
इंटरनल ऑडिट के बाद होगी प्राथमिकी दर्ज पटना : बिहार विधानसभा के कैशचेस्ट से 22 लाख की वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में उप सचिव सह निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी मणिकांत निराला को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने निलंबित कर दिया है. छह जुलाई को मामला प्रकाश में आने के बाद उप सचिव ने सात […]
पटना : बिहार विधानसभा के कैशचेस्ट से 22 लाख की वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में उप सचिव सह निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी मणिकांत निराला को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने निलंबित कर दिया है. छह जुलाई को मामला प्रकाश में आने के बाद उप सचिव ने सात लाख जमा करा दिये हैं जबिक अभी तक 14 लाख का हिसाब नहीं मिल रहा है. विधानसभा के सचिव रामश्रेष्ठ राय ने बताया कि निलंबन का आदेश जारी हो गया है.
अब विधानसभा के बैंकर्स चेक और बैंक ड्राफ्ट सहित अन्य सभी कागजातों की आंतरिक जांच करायी जायेगी. सभी मामलों की जांच के बाद उप सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.विधानसभा सचिव ने बताया कि छह जुलाई को जब कैश चेस्ट की जांच की गयी तो 22 लाख गायब पाये गये. दबाव बनाने पर उनके द्वारा सात लाख जमा कराये गये. शेष 14 लाख जमा नहीं कराया जा रहा था. मंगलवार को जब निराला को निलंबित कर दिया गया तो उनके द्वारा आवेदन दिया गया है उन्होंने 14 लाख भी बैंक में जमा कराये हैं. मामला विधानसभा के कैश चेस्ट से वित्तीय अनियमितता का है.
यह राशि बैंक में बिना सचिव के अनुमति के जमा नहीं करायी जा सकती. विधानसभा का कोई बैंक खाता नहीं था. पैसा कैशबुक में इंट्री कर कैशचेस्ट में रखा जाता था. छह साल से मणिकांत निराला डीडीओ का दायत्वि निभा रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष ने उप सचिव मणिकांत निराला पर एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया तो उन्होंने विस सचिव को पत्र लिखकर कहा कि पैसे उन्होंने बगल के अलमीरा में रखा था. चेस्ट में कम पायी गयी राशि भी खाते में जमा करा दी है. विस के अवर सचिव सुनील कुमार को डीडीओ का दायत्वि सौंपा गया है.
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