कमोबेश तीनों प्रखंडो में स्थापित स्कूलों में मिड डे मील राम भरोसे चल रहा है.योजना का हाल इन दिनों यह है कि कई दिनों तक पोषाहार बंद रहता है. ग्रामीणों को बताया जाता है कि चावल उपलब्ध न रहने के कारण पोषाहार बंद है, मगर सच्चाई ठीक इसके विपरीत है. स्कूलों को बीआरसी से चावल आवंटित किया जाता है और इसका एक बड़ा हिस्सा बाजारों में बेच दिया जाता है.
यही नहीं स्कूल के प्रभारी गुरुजी मिड डे मील योजना में लूट करने का कई नायाब तरीका खोज निकाले हैं. सबसे पहले तो मेन्यू को दरकिनार कर भोजन दिया जाता है. जब इससे भी इनकी झोली नहीं भरती, तो वे छात्रों की उपस्थिति पंजी में छेड़छाड़ करते हैं, अगर स्कूल में सौ लड़के उपस्थित हो रहे हैं, तो रजिस्टर में डेढ़ सौ से दो सौ छात्रों की उपस्थिति दिखा कर छात्रों के एक बड़े हिस्से पर कुंडली मार कर बैठे रहते हैं. इधर, धनरूआ की नवनिर्वाचित प्रमुख सोहाना जेवी खातून समेत कई जनप्रतिनिधियों ने बताया कि ऐसी शिकायतें पूर्व से ही सुनने को मिल रही हैं, बहुत जल्दी इस पर अंकुश लगाया जायेगा.