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मालखाने में पड़े हैं डोर मेटल डिटेक्टर

पटना: पटना जंकशन के प्रवेश द्वार सूने हैं. प्रवेश द्वारों पर लगाये गये डोर मेटल डिटेक्टर खराब होने के चलते हटा दिये गये. मरम्मत के बाद आया, तो जीआरपी के मालखाने में रख दिया गया है. जंकशन के बाहर आरपीएफ जवान तैनात तो हैं, पर उनके हाथ में हैंड मेटल डिटेक्टर भी नहीं है. ऐसे […]

पटना: पटना जंकशन के प्रवेश द्वार सूने हैं. प्रवेश द्वारों पर लगाये गये डोर मेटल डिटेक्टर खराब होने के चलते हटा दिये गये. मरम्मत के बाद आया, तो जीआरपी के मालखाने में रख दिया गया है. जंकशन के बाहर आरपीएफ जवान तैनात तो हैं, पर उनके हाथ में हैंड मेटल डिटेक्टर भी नहीं है. ऐसे में जंकशन की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है.

सुरक्षा के नाम कोई तैयारी नहीं
कुहासे के कारण ट्रेनें लगातार लेट हो रही हैं. इसलिए यात्रियों की भारी भीड़ प्लेटफॉर्म पर दिख रही है. वेटिंग हॉल, प्लेटफॉर्म, बुकिंग हॉल, फुट ओवरब्रिज सहित अन्य स्थानों पर यात्रियों का ठहराव हो रहा है. लेकिन, सुरक्षा के नाम पर आरपीएफ व जीआरपी की तरफ से अब तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है. सभी प्लेटफॉर्मो पर जीआरपी जवानों की ड्यूटी तो लगी है, लेकिन सिर्फ कागज में. प्लेटफॉर्म पर जीआरपी के जवान नदारद हैं. आरपीएफ की तरफ से जंकशन की इंट्री पर तीन जगह सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, लेकिन उनके हाथ में जांच के लिए मेटल टिक्टर नहीं है. आइबी ने आतंकी खतरे से सतर्कता के लिए आगाह भी किया है, पर सुरक्षा तैयारी में साफतौर पर ढील दिखायी दे रही है.

हैंड मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल नहीं
जंकशन की सुरक्षा के लिए जीआरपी को 22 व आरपीएफ को 10 हैंड मेटल डिटेक्टर दिये गये हैं. लेकिन, कहीं भी इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसी प्रकार चार डोर मेटल डिटेक्टर हैं, जो जीआरपी के पास हैं. हालत यह है कि इस्तेमाल के बजाय सभी मालखाने में पड़े हैं.

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