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अपने संतान को दें अच्छे संस्कार
नौबतपुर : अपने संतान को अच्छे संस्कार दें. बच्चों को कुसंगति से बचा कर धर्म व राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करें. यह माता-पिता का धर्म है. उक्त ज्ञान अमृत का रसपान नौबतपुर के शेखपुरा गांव में आयोजित भागवत कथा में कथावाचक स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं को दी. उन्होंने कहा कि […]
नौबतपुर : अपने संतान को अच्छे संस्कार दें. बच्चों को कुसंगति से बचा कर धर्म व राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करें. यह माता-पिता का धर्म है. उक्त ज्ञान अमृत का रसपान नौबतपुर के शेखपुरा गांव में आयोजित भागवत कथा में कथावाचक स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं को दी.
उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के जीवन में भक्ति भाव उत्पन्न होता. सबरी व मर्यादा पुरुषोत्तम राम की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि सबरी के जूठे बेर को खाकर भगवान राम ने अपने भक्त की भावना, ममता, स्नेह को अपना कर संदेश दिया कि भगवान और भक्त का प्रेम निश्चल है. निःस्वार्थ भाव से किये गये किसी भी काम से भगवान प्रसन्न होते हैं. इसलिए मनुष्य को अपना सोच विस्तृत करने की जरूरत है.
भौतिकता के चकाचौंध में वर्तमान समाज में कुरीतियां उत्पन्न हो रही हैं.इन सबों से हमें और आनेवाली पीढ़ी को बचना है. मर्यादापूर्ण चरित्र भगवान श्रीराम के त्याग ,तपस्या ,बलिदान और माता – पिता व गुरु की सेवा की प्रतिमूर्ति से हमें सीख लेकर उनके चरित्र को अपने जीवन में अनुसरण करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सद्भाव व भागवत कथा श्रवण से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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