क्षतिग्रस्त पाया (स्पैन) से अलग शेष पाया (स्पैन) वाहन के लोड लेने में सक्षम होगा या नहीं. अगर पाया(स्पैन) उस लायक नहीं रहा, तो उसकी मरम्मत करने पर निर्णय लिया जायेगा. संभावना व्यक्त की जा रही है कि क्षतिग्रस्त पाया(स्पैन) के अलावा अन्य पाया (स्पैन) के भविष्य में क्षतिग्रस्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. खगड़िया जिले के महेशखूंट से पूर्णिया के बीच नेशनल हाइवे -107 महत्वपूर्ण सड़क है. एनएच-107 के चौड़ीकरण की एनएचएआइ द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है. इसमें पुराने बीपीमंडल सेतु को व्यवहार में लाये जाने की संभावना है. सड़क के चौड़ीकरण होने से वाहनों की आवाजाही बढ़ेगी. ऐसी स्थिति में पुराना पुल वाहनों का बोझ नहीं सहेगा. इस आशंका को लेकर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय भूतल व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सेे कोसी नदी में डुमरी घाट के समीप बीपीमंडल सेतु के समानांतर एक नये पुल बनाये जाने का आग्रह किया है, ताकि लोगों को राहत मिल सके.
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बीपी मंडल पुल के पाये की जांच करेंगे आइआइटी के विशेषज्ञ
पटना: खगड़िया जिले में कोसी नदी पर डुमरी घाट में बीपी मंडल सेतु के बाढ़ से क्षतिग्रस्त पाया(स्पैन) के बाद शेष बचे पाया की जांच आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञ करेंगे. आइआइटी विशेषज्ञ इस बात की जांच करेंगे कि क्षतिग्रस्त पाया(स्पैन) की मरम्मत होने के बाद वाहन का आवागमन चालू होने पर पहले से बचा पाया […]
पटना: खगड़िया जिले में कोसी नदी पर डुमरी घाट में बीपी मंडल सेतु के बाढ़ से क्षतिग्रस्त पाया(स्पैन) के बाद शेष बचे पाया की जांच आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञ करेंगे. आइआइटी विशेषज्ञ इस बात की जांच करेंगे कि क्षतिग्रस्त पाया(स्पैन) की मरम्मत होने के बाद वाहन का आवागमन चालू होने पर पहले से बचा पाया (स्पैन) कारगर है या नहीं.
क्षतिग्रस्त पाये की हो रही मरम्मत: एनएच-107 के किलोमीटर 16 पर बीपीमंडल सेतु के 30 पाया (स्पैन) में आठ पाये (स्पैन) कोसी नदी में पानी के अत्यधिक दबाव से क्षतिग्रस्त हो गये थे.
पाया क्षतिग्रस्त होने से बीपीमंडल सेतु पर नवंबर, 2010 से आवाजाही बंद है. क्षतिग्रस्त पाया(स्पैन) बनाने का काम हो रहा है. हरियाणा की कंपनी एस पी सिंघला पाया(स्पैन) बनाने का काम कर रही है. मार्च, 2017 तक पाया(स्पैन) बनाने का काम पूरा होने की संभावना है.
पुल के बंद होने से बड़ी आबादी प्रभावित
बीपीमंडल सेतु पर छह साल से आवाजाही बंद होने से उत्तर बिहार के तीन जिले सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. भारी वाहन को पूर्णिया होकर या फिर मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी होकर सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जाना होता है. छोटे वाहन के लिए प्रत्येक साल स्टील पुल तैयार होता है, जो बरसात के दिनों में खोल लिया जाता है. बरसात में डुमरी गांव के आसपास के लोगों के लिए आवागमन का साधन एकमात्र नाव होता है.
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