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पांच दिनों तक औसत से पांच डिग्री अधिक पारा तो लू की स्थिति
पटना : किसी भी स्थान पर अधिकतम तापमान लगातार पांच दिनों तक वहां के औसत तापमान से पांच डिग्री अधिक हो तो इसे लू की स्थिति मानी जायेगी. इसके अलावा यदि दो दिनों तक अधिकतम तापमान 45 डिग्री या ऊपर रहे तो भी लू की स्थिति मानी जायेगी. राज्य सरकार ने लू से होने वाली […]
पटना : किसी भी स्थान पर अधिकतम तापमान लगातार पांच दिनों तक वहां के औसत तापमान से पांच डिग्री अधिक हो तो इसे लू की स्थिति मानी जायेगी. इसके अलावा यदि दो दिनों तक अधिकतम तापमान 45 डिग्री या ऊपर रहे तो भी लू की स्थिति मानी जायेगी. राज्य सरकार ने लू से होने वाली मौत की पहचान के लिए जारी दिशा-निर्देश में कहा है कि मौत के स्थान का तापमान, पंचनामा, साक्ष्य, गवाह, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही मुआवजा दिया जायेगा.
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा लू से मौत और लू के लिए जारी दिशा निर्देश के अाधार पर राज्य के लिए दिशा निर्देश जारी किये गये हैं. यह दिशा निर्देश जल्द ही जिलों को उपलब्ध करा दिया जायेगा.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि उत्तर भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में हर साल लू की पांच-छह घटनाएं होती हैं. लू या हीट वेव को शांत आपदा बताते हुए कहा गया है कि वातावरण का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस हो तथा सापेक्ष नमी 100 प्रतिशत हो तो लोगों को 49 डिग्री सेल्सियस तापमान अहसास होगा.
34 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर यदि नमी 75 प्रतिशत हो तो लोगों को 49 डिग्री सेल्सियस का अहसास होगा. बताया गया है कि 1992 से अब तक देश में हीट वेव से 22652 लोगों की मौत हो चुकी है.
पिछले चार दिनों का अधिकतम तापमान
शहर 17/4 18/4 19/4 20/4
पटना 35.1 37.5 42.9 43.0
गया 40.7 42.1 44.9 43.8
पूर्णिया 29.7 32.8 37.5 37.6
पिछले छह साल में देश भर में हीट वेव से मौत
वर्ष मौत
2010 1274
2011 793
2012 1247
2013 1216
2014 1677
2015 2422
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