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विधानमंडल बजट सत्र : केंद्रीय योजनाओं में राज्यांश पर छिड़ी बहस
बिहार को विशेष पैकेज की निगरानी के लिए विस की कमेटी बनाने की सलाह सरकार ने विधानसभा में रखा प्रस्ताव, आसन ने कहा, विचार किया जायेगा पटना : बजट सत्र के अंतिम दिन सोमवार को विधानसभा में केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश में कमी और राज्यांश में बढ़ोतरी किये जाने के कारण राज्य में उत्पन्न […]
बिहार को विशेष पैकेज की निगरानी के लिए विस की कमेटी बनाने की सलाह
सरकार ने विधानसभा में रखा प्रस्ताव, आसन ने कहा, विचार किया जायेगा
पटना : बजट सत्र के अंतिम दिन सोमवार को विधानसभा में केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश में कमी और राज्यांश में बढ़ोतरी किये जाने के कारण राज्य में उत्पन्न स्थिति पर सुबह नौ बजे से दो घंटे के लिए विशेष चर्चा हुई. चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए योजना व विकास मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि नयी व्यवस्था के कारण राज्य सरकार पर तो बोझ बढ़ा ही है केंद्र के पास बिहार का विभिन्न योजनाओं में 20340 करोड़ बकाया है.
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विशेष पैकेज की निगरानी के लिए विधानसभा की कमेटी बनाये जाने की सलाह दी. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार पुनर्गठन बिल में बिहार को जो विशेष पैकेज देने की बात है वह 13 वीं पंचवर्षीय योजना में भी मिले, इसपर सदन एकमत हो प्रस्ताव करे. उनके प्रस्ताव पर विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा. मंत्री जब चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रख रहे थे, तब भाजपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया.
इसके पहले निर्धारित समय पर सत्ताधारी दल के श्याम रजक, विनोद प्रसाद यादव एवं अन्य की ओर से केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं में केंद्रांश में कमी एवं राज्यांश में बढ़ोतरी किये जाने के कारण राज्य में उत्पन्न स्थिति पर विमर्श आरंभ हुआ. योजना व विकास मंत्री ललन सिंह ने कहा कि इस विषय में भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए.यह प्रदेश के हित का मामला है. केंद्र की नयी नीति से बिहार को काफी नुकसान होगा और राज्य के खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा.
केंद्र के नए फंडिंग पैटर्न शत प्रतिशत केंद्र प्रायोजित 66 योजना जिसमें इंदिरा आवास, पीएमजीएसवाइ कृषि और बिजली से संबंधित योजनाओं में केंद्रांश घटा और राज्यांश बड़ा. अधिकांश योजनाओं में 60-40 का पैटर्न कर दिया गया. नये पैटर्न से वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य पर 4508.63 करोड़ का बोझ पड़ा और चालू वित्तीय वर्ष में यह 4917.87 करोड़ होगा.
14 वें वित्त आयोग से बिहार को मात्र 9.66 फीसदी का लाभ हुआ. नक्सल प्रभावित जिलों के लिए 1500 करोड़ मिलता था उसे बंद कर दिया गया. बीआरजीएफ में बिजली क्षेत्र और लोहिया पथचक्र के लिए जो योजना भेजी गयी उसमें 902 करोड़ अभी तक नहीं मिला है. 12 वीं योजना का यह अंतिम वर्ष है इसलिए बिहार का बकाया मिले.
इसके पहले राजद के विनोद प्रसाद यादव ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि केंद्रांश का पैटर्न बदलने से बिहार को काफी नुकसान हुआ. पुरानी व्यवस्था को फिर से बहाल किया जाए.
उन्होंने विस्तार से इस वात को बताया कि किन- किन योजनाओं में केंद्रांश व राज्यांश की किया स्थिति है. भाजपा के संजय सरावगी ने कहा कि यह सदन के बहस का मुद्दा ही नहीं है. राज्य सरकार राशि खर्च नहीं कर पा रही है. राज्य सरकार केंद्र की सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रही है. राजद के ललित यादव ने चर्चा के दौरान कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. कांग्रेस के सदानंद सिंह ने कहा कि बिहार के विभाजन के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी. आरोप -प्रत्यारोप में काम नहीं चलेगा.
इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर अनुरोध करें. जदयू के श्याम रजक ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की निगरानी के लिए एक कमेटी बने. भाजपा के मिथिलेश तिवारी ने कहा कि केंद्र बिहार को हरसंभव मदद कर रहा है. राजद के सीताराम यादव ने कहा कि सदन में सर्वसम्मति से विशेष दर्जा का प्रस्ताव पास हो. माले के सत्यदेव राम ने विशेष राज्य को दर्जा के लिए एकजुट होने की अपील की. रालोसपा को ललन लासवान ने भी चर्चा में भाग लिया.
भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन नहीं मिलने पर सदन में हंगामा
पटना : विधान परिषद में भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन का परचा देने के बावजूद जमीन पर कब्जा नहीं होने को लेकर विपक्ष ने हंगाम किया. भाजपा के रजनीश कुमार ने कार्स्थन प्रस्ताव के माध्यम से कहा कि राज्य सरकार द्वारा गरीब और दलित वर्ग के भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन देने की घोषणा की थी. अधिकांश लोगों को अब तक जमीन का परचा नहीं मिला है. जिसे परचा मिला है उसे जमीन पर दखल नहीं मिला है. इस योजना को छलावा बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पर जवाब दे. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसे अस्वीकार रकते हुए इसे शून्यकाल में उठाने की सलाह दी. पुन: शून्यकाल में भाजपा के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब देने की मांग की.
भाजपा के मंगल पांडेय ने प्रभात खबर में छपी खबर की चर्चा करते हुए कहा कि 96 हजार लोगों को अब तक जमीन पर कब्जा नहीं मिला है.
सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर भाजपा के सदस्यों ने वेल में आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही भाेजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वे प्रोन्नति में आरक्षण के हिमायती है. हालांकि यह मामला केंद्र सरकार का है. केंद्र सरकार संसद में प्रोन्नति में आरक्षण का प्रस्ताव लाती है तो जदयू इसका समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि कानून बनाना लेजिस्लेचर का काम है. कानून की व्याख्या करना सुप्रीम कोर्ट का अधिकार है. राज्य सरकार ने हाल में जो निर्णय लिया है उसमें शर्त है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से प्रभावित होगा. उन्होंने पदोन्नति में किसी को डिमोट नहीं किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को विधासभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में अनुसूचित जाति-जन जाति कर्मचारी संघ, बिहार के प्रतिनिधि मंडल से बात कर रहे थे. सीएम ने कहा कि यह केंद्र सरकार का मामला है.
इस पर संसद ही कानून बना सकती है. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में इसमें संशोधन आया था तो वह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं थी. संघ के लोगों का कहना था कि वे इस मामले पर प्रधानमंत्री से मिलेंगे. मुख्यमंत्री का कहना था कि वे जरूर प्रधानमंत्री से मिले. यह पूरी तरह से केंद्र का मामला है राज्य का नहीं.
संघ का प्रतिनिधि के रूप में सदस्य श्याम रजक, रत्नेश सदा, ललन पासवान, सत्यदेव राम, दिनकर राम, कृष्ण कुमार ऋषि, प्रेमा चौधरी, प्रभुनाथ राम कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने दो-दो बार कानूनी विशेषज्ञों की राय ली. इसके बाद राज्यादेश को क्वेश किया. लोकतंत्र में दूसरे का अधिकार भी अधिकार होता है. इस मामले में 17 फीसदी के चलते 83 फीसदी का क्या होगा जब सामान्य वर्ग व एनेक्सचर एक व दो घूम-घूम कर विरोध करेगा. कोर्ट के आदेश का डेढ़ माह तक अध्ययन किया. उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास उनका कमिटमेंट है.
अधिकारियों के कारण पंचायती राज मंत्री की विधान परिषद में हुई फजीहत
पटना : अधिकारियों द्वारा पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत को स्थगित प्रश्न के सही उत्तर नहीं मिलने के कारण फजीहत का सामना करना पड़ा. दो-दो स्थगित प्रश्नों के उत्तर नहीं मिलने के कारण विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने मंत्री को घेरा. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सभापति अवधेश नारायण सिंह को नियमन देना पड़ा. सभापति ने मंत्री से कहा कि आप विभाग के अधिकारियों से पूछिए कि प्रश्न का जवाब क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया?
आप हमें भी बताइए कि कौन अफसर ने जवाब नहीं दिया है, जिससे आपको परेशानी हुई.विप की पहली पाली में भाजपा के रजनीश कुमार के स्थगित तारांकित प्रश्न के जवाब में कामत ने पूर्व में दिये उत्तर ही दोहरा रहे थे. रजनीश कुमार ने बिहार में ग्राम कचहरी को भारतीय दंड संहिता के अंदर लगभग तीन दर्जन से अधिक धाराओं के मुकदमों की सुनवाई का अधिकार है, अब तक इसे लागू क्यों नहीं कराया है?
पर चर्चा के दौरान विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंत्री आज भी वही पुराना उत्तर दे रहे हैं. प्रश्न को स्थगित करने का फायदा क्या हुआ? भाजपा के सदस्यों द्वारा हंगामे के बाद मंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद ग्राम कचहरी के अधिकार को लागू कर दिया जायेगा.
यही हाल निर्दलीय रीतलाल राय के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में हुआ. जिसमें पूछा गया था कि पंचायतों में वित्तीय अनियमितता की जांच की क्या व्यवस्था है? मंत्री के पूर्व में दिये जवाब को दुहराने भाजपा के लाल बाबू प्रसाद ने कहा कि इस प्रश्न को स्थगित करने के बावजूद वही उत्तर है. विरोधी दल के नेता मोदी ने कहा कि मंत्री स्पष्ट बताएं कि सरकार अब तक पंचायतों के वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए लोक प्रहरी का गठन क्यों नहीं किया है? इसके गठन का निर्णय 2001 में ही लिया जा चुका है.
विधान परिषद में उठा आइवीआरसीएल का मामला
पटना़ : विधान परिषद में विधान सभा एक्सटेंशन भवन बनानेवाली कंपनी आइवीआरसीएल का मामला उठा. भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के लाल बाबू प्रसाद ने कंपनी आइवीआरसीएल का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि कंपनी आइवीआरसीएल छह साल से भवन का निर्माण कर रही है. इसकी जांच होनी चाहिए.
भाजपा के मंगल पांडेय ने 42 हजार डीड राइटर्स(कातिब)का लाइसेंस रद्द किये जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि लाइसेंस रद्द होने से वे बेरोजगार हो जायेंगे. सरकार को इस मामले में गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए.
मोदी ने तेजस्वी को सभी विभागों की समीक्षा करने की दी सलाह
पटना. विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को सभी विभागों की समीक्षा करने की सलाह दी है. विधान परिषद में सोमवार को उन्होंने कहा कि आप सभी विभाग के मंत्री हैं. आपको सभी विभाग की समीक्षा करनी चाहिए. जवाब नहीं देनेवाले विभागाें की जानकारी लें. आखिर विभाग सही जवाब क्यों नहीं देता है.
भाजपा के कृष्ण कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न पर पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. सवालकर्ता ने 471 संविदाकर्मियों के एक साल से मानदेय नहीं मिलने का सवाल उठाया था. इसके जवाब में मंत्री का कहना था बेल्ट्रान को मानदेय भुगतान के लिए राशि उपलब्ध करा दी गयी है. मंत्री के जवाब से विपक्ष के नेता संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने सदन में बैठे उपमुख्यमंत्री से कहा कि आपको सभी विभागों की जानकारी रखनी चाहिए. कौन अफसर सही जवाब दे रहा है और कौन नहीं, इस पर आप ध्यान दीजिए.
गोशाला की जमीन पर अतिक्रमण
गोशाला के अतिक्रमण संबंधी भाजपा के दिलीप कुमार जायसवाल के तारांकित प्रश्न के जवाब में पशु मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि गोशाला को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए मुख्य सचिव के स्तर से जिलों को उचित कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि कई गोशाला की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है. जिसे जल्द ही सरकार अतिक्रमण से मुक्त करायेगी.
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