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तेज पर हंगामा, तेजस्वी ने कहा जब थे तो क्यों नहीं पूछा सवाल

भाई-भाई . अनुपस्थित स्वास्थ्य मंत्री के बचाव में उतरे उपमुख्यमंत्री सदन में सत्ता पक्ष व विपक्ष में हुई नोक-झोंक विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की गैर मौजूदगी सत्ता और विपक्ष दोनों पक्षों को खली. पटना : विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की गैर मौजूदगी सत्ता और विपक्ष […]

भाई-भाई . अनुपस्थित स्वास्थ्य मंत्री के बचाव में उतरे उपमुख्यमंत्री
सदन में सत्ता पक्ष व विपक्ष में हुई नोक-झोंक
विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की गैर मौजूदगी सत्ता और विपक्ष दोनों पक्षों को खली.
पटना : विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की गैर मौजूदगी सत्ता और विपक्ष दोनों पक्षों को खली. प्रश्नोत्तरकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री की खोज में एनडीए के सदस्य सवाल दर सवाल पूछते रहे. मंत्री की गैर मौजूदगी से सत्ता पक्ष चुप रहा. सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन में मंत्री की गैर मौजूदगी में दूसरे वरिष्ठ मंत्री को जवाब देने की परंपरा रही है.
एनडीए के सदस्य जानना चाहते थे कि आखिर स्वास्थ्य मंत्री कहां और किस हालत में है, इसकी जानकारी सदन को दी जाये. अनुपस्थित स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के बचाव में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मैदान में कूद पड़े. उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए उस दिन की याद दिलायी जब स्वास्थ्य मंत्री जवाब देने को तैयार थे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब स्वास्थ्य मंत्री सदन में विपक्ष का जवाब देने को तैयार थे, तो विपक्ष के सदस्य बताएं कि वह बाहर क्यों चले गये.
हुआ यूं कि श्याम रजक द्वारा स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अल्पसूचित प्रश्न किया गया था. सरकार की ओर से जबाब देने के लिए जैसे ही संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार खड़े हुए कि विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार ने सवाल किया कि स्वास्थ्य मंत्री जी कहां चले गये है. कौन सी विशेष परिस्थिति है. स्वास्थ्य मंत्री को बुलाया जाये और सदस्य का जवाब दिलाया जाये.
विपक्ष के नेता के द्वारा उठाये गये
सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि विपक्ष के नेता को भी यह मालूम है कि सदन में कोई प्रश्न आता है तो जवाब सरकार देती है. इस पर नंद किशोर यादव ने सहमति जताते हुए कहा कि सदन यह जानना चाहता है किस्वास्थ्य मंत्री जी का स्वास्थ्य तो खराब नहीं है. आखिर उनकी स्थिति क्या है. सदन को यह जानने का हक है. भाेजनावकाश तक स्वास्थ्य मंत्री सदन में नहीं आये. जबकि, शुक्रवार को अधिकतर सवाल स्वास्थ्य विभाग से संबंधित था.
मई से मिलने लगेंगी सभी दवाएं
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मई से सरकारी अस्पतालों में दवाएं मिलने लगेंगी. राज्य स्तर पर 22 प्रकार की दवाओं का दर निर्धारित कर दिया गया है. निर्धारित दर पर जिलों द्वारा दवाओं की खरीद कर रोगियों को उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि जिन जिलों या अस्पतालों में तत्काल दवा की आवश्यकता है वहां के सिविल सर्जन स्थानीय स्तर पर टेंडर के माध्यम से दवा की खरीद कर सकते है.
विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकार का पक्ष रख रहे थे. तारांकित प्रश्न के माध्यम श्रीनारायण प्रसाद व सचींद्र प्रसाद सिंह ने यह मामला उठाया था.
बिहार में बढ़ गयी आधी आबादी
लड़कियों की शिक्षा के प्रसार व कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगने से बिहार में लड़कों के मुकाबले लड़कों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. राज्य में 2010-11 में लिंगानुपात 893 था, जो अगस्त, 2015 तक बढ़ कर 934 हो गया है. हालांकि यह राष्ट्रीय औसत 940 से यह अब भी कम है.
यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में दी. वह स्वास्थ्य विभाग की ओर सरकार का पक्ष रख रहे थे. सदन में जदयू के श्याम रजक ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से राज्य में लिंगानुपात बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयास की जानकारी मांगी. इसके जवाब में मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य में 200 अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर मुकदमा किया गया है. लिंग परीक्षण को लेकर 620 अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की गयी. इसके अलावा लड़कियाें को पढ़ने के लिए साइकिल व पोशाक दी जा रही है. करीब आठ लाख लड़कियों को साइकिल दी गयी है. महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50, तो सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण दिया गया है.
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य में कुष्ठ रोग की घर-घर जांच व इलाज के लिए 18 मार्च से शुरू होगा. इस
अभियान में घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की खोज की जायेगी. शुक्रवार को वह सदन में गायत्री देवी के पूछे गये तारांकित प्रश्न का स्वास्थ्य विभाग की ओर से जवाब दे रहे थे.
प्रधानाध्यापकों की व्यवस्था पर निर्णय एक माह में : अशोक चौधरी
राज्य सरकार एक माह के अंदर उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में प्रधानायापक या प्रभारी की नयी व्यवस्था पर निर्णय लेगी. फिलहाल उत्क्रमित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों का प्रभार मध्य विद्यालय के प्रधानध्यापक या प्रभारी के पास है. भाकपा के केदार नाथ पांडेय के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस संबंध में शिक्षा विभाग, प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के संघ के पदाधिकारी के साथ बैठकें हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि नव उत्क्रमित माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एकिकृत मध्य सह माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों की व्यवस्था मध्यविद्यालय के प्रभारी या प्रधानाध्यापक द्वारा किया जा रहा है. इस प्रकार की व्यवस्था पूरे राज्य में है. संजीव श्याम सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पंचायतों के दो-दो साक्षरता प्रेरकों को प्रति माह दो हजार रुपये मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. प्रेरकों के मानदेय में वृद्धि के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार से अनुरोध किया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन प्रेरकों को अक्तूबर 2014 तक के बकाये का भुगतान कर दिया गया है. 2015-16 के लिए भारतसरकार से राशि मिल चुकी है. प्रेरकों को बकाये का भुगतान शुरू कर दिया गया है.
बाजार मूल्य पर उपलब्ध एलपीजी से तैयार होता है मध्याह्न भोजन जदयू के नीरज कुमार के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के स्कूलों में मध्याह्न भोजन बाजार दर पर उपलब्ध रसोई गैस से हो रहा है. श्री कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्कूलों में मध्याह्न भोजन तैयार करने के लिए सब्सिडी वाला एलपीजी नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र माेदी ने कहा था कि संपन्न लोगों को ही सब्सिडी से मुक्त किया जायेगा, लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए बनने वाले मध्याह्न भोजना का ही सब्सिडी छीन लिया गया है.
311 नियोजन इकाई ने सर्टिफिकेट जांच के लिए निगरानी को नहीं सौंपा फोल्डर
शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि 2006 से नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच के लिए निगरानी काे 121989 सर्टिफिकेट फोल्डर उपलब्ध करा दिया है. भाजपा के प्रो नवल किशोर यादव ने एक अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कहा कि राज्य में प्रारंभित शिक्षकों की संख्या 3.23 लाख है. अब तक दो लाख प्राथमिक शिक्षकों के फोल्डर तैयार है.
इसमें 60-65 हजार शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए उपलब्ध कराया गया है. शेष सर्टिफिकेट अब तक जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक राज्य के 311 नियोजन इकाई ने अब तक जांच के लिए फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया है.
राज्य सरकार ऐसे नियोजन इकाई पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. केदार नाथ पांडेय के एक तारांकित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य के माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और पुस्तकालयाध्यक्षों को यूटीआइ पेंशन स्कीम में शामिल करने का निर्णय कर लिया गया है. इसे लागू करने के लिए संबंंधित जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.

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