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दीदी ने हजारों महिलाओं की जिंदगी बदली
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और बिहार के सहकारिता विभाग ने किया है सम्मानित दीपक कुमार मिश्रा पटना : संघर्ष कभी जाया नहीं जाता और तबाही के बाद सृजन प्रकृति का नियम है. यह सत्य देखने को मिलता है भागलपुर के सबौर की मनोरमा देवी में. एक सिलाई मशीन और झाेले से अपनी संघर्ष यात्रा […]
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और बिहार के सहकारिता विभाग ने किया है सम्मानित
दीपक कुमार मिश्रा
पटना : संघर्ष कभी जाया नहीं जाता और तबाही के बाद सृजन प्रकृति का नियम है. यह सत्य देखने को मिलता है भागलपुर के सबौर की मनोरमा देवी में. एक सिलाई मशीन और झाेले से अपनी संघर्ष यात्रा आरंभ करने वाली मनोरमा देवी राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है. सहकारिता के जरिए उन्होंने हजारों महिलाओं को न सिर्फ अर्थिक रूप से मजबूत किया बल्कि उन्हें जीवन के मायने भी समझाया.
मनोरमा देवी व उनकी सहकारी संस्था सृजन महिला का दो दशक का सफर कम संघर्षपूर्ण नहीं रहा. आज भले ही इसका अपना सेटअप है. संस्था से पांच हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं, लेकिन 1996 में सबौर में इसकी शुरुआत महज एक सिलाई मशीन व झोले से हुई थी.
सृजन की सफलता का मुख्य श्रेय इसकी संस्थापिका मनोरमा देवी को जाता है. दो दशक का संघर्ष कम चुनौतीपूर्ण नहीं था. दीदी के नाम से अब लोग इन्हें जानते हैं. महिलाओं में आर्थिक स्वाबलंबन के जरिए उनका ससक्तीकरण भी किया. 1991 में पति के निधन के बाद ये काफी आर्थिक संकट में फंस गयी. बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर चलाने तक की जिम्मेवारी.
सबौर में ही एक छोटा सा कमरा किराये पर लेकर महिलाओं को जोड़ने का सिलसिला शुरू किया. एक सिलाई मशीन खरीद कर कपड़ों को सिलना और फिर झोला में लेकर उसे बेचना शुरु किया लेकिन पैसे की कमी बार-बार आड़े आ जाती थी. एेसे में रजन्दीपुर पैक्स ने सहयोग किया और 10 हजार रुपये उधार दिये. इस थोड़े से रकम से काफी मदद मिली और समिति का कारोबार चल निकला.
लगातार महिलाओं को जुड़ता देख भागलपुर को–ऑपरेटिव बैंक द्वारा समिति को 40 हजार रुपये कर्ज दिया गया. उसके बाद से संस्था ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज यहां सिल्क साड़ी, कपड़े, स्वेटर, ब्लाउज, पापड़, आचार, बिंदी, कपड़े के पर्स, अगरबत्ती .
मशाला, बैग, सजावटी सामान का निर्माण होता है. राज्य का ग्रामीण विकास विभाग, सृजन को ग्रेड (।) का प्रमाण पत्र प्रदान किया है. भारत सरकार का वित्त मंत्रालय और बिहार का सहकारिता विभाग ने भी संस्था को सम्मानित किया है.
संस्था का जमा–बचत साख प्रभाग महिलाओं में खुद की बैंकिंग प्रणाली व जमा–बचत की आदत डालता है. इतना ही नहीं समिति अपने से जुड़ी महिलाओं की बच्चियों के स्वास्थ्य व शिक्षा की भी चिंता करती है.
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