पटना : बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी नेबुधवारको आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के 14वेंं वित्त आयोग की अनुशंसा पर कायम नहीं रहने से बिहार को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे विश्वास दिलाना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय कार्यक्रम अगलेपांच वर्ष में पूरे किये जाएंगे.
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2016-17 के राज्य के बजट पर चर्चा के बाद आज सरकार की ओर से जवाब देते हुए सिद्दीकी ने यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 14वेंं वित्त आयोग ने 56300.07 करोड़ रुपये के अनुमान था. केंद्र सरकार ने अपने बजट में 50747.58 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. 29 फरवरी 2016 को भारत सरकार ने इस प्रावधान को घटाकर 49846.70 करोड़ रुपये कर दिया. अत: वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए वित्त आयोग की अनुशंसा से हमें 6453.37 करोड़ रुपये कम उपलब्ध हो रही है.
सिद्दीकी ने कहा कि इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 14वें वित्त आयोग ने 64973.82 करोड़ रुपये की अनुमानित की है. लेकिन भारत सरकार ने अपने बजट में केवल 55233.71 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया है. अत: वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी हमें 9740.11 करोड़ रुपये कम प्राप्त होंगे.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार से हमारा अनुरोध है कि केंद्रीय करों में हमारा हिस्सा 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरुप दिया जाये़ उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा सेस राशि अधिरोपित की जाती है जो कि राज्य सरकार के केंद्रीय करों के हिस्से का भाग नहीं बनती है.
सिद्दीकी ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि केंद्र द्वारा अधिरोपित सेस राशि को भी केंद्र करों के राज्य के हिस्से के भाग में शामिल किया जाय जिससे राज्य को अतिरिक्त राशि प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों द्वारा सदन में यह कहा गया था कि हमारी सरकार भारत सरकार से केंद्रीय प्रायोजित प्राप्त योजनाओं में राशि का व्प्यय नहीं कर रही है.
सिद्दीकी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में केंद्रीय प्रायोजित योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 20934.60 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है जिसमें तृतीय अनुपूरक की राशि भी सम्मिलित है. उन्होंने कहा कि 20934.60 करोड़ रुपये की राशि के विरुद्ध भारत सरकार से फरवरी 2016 तक 15046.65 करोड रुपये की राशि प्राप्त हुई जिसमें 12367.24 करोड़ रुपये की राशि 26 फरवरी 2016 तक व्यय की जा चुकी है.
सिद्दीकी ने बताया कि योजना एवं विकास विभाग द्वारा हर महीने इनकी समीक्षा की जाती है एवं हमें विश्वास है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले भारत सरकार से प्राप्त पूरी राशि व्यय कर ली जायेगी. उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष 2016-17 की हमारी राज्य योजना सुशासन के कार्यक्रम जिसमें मुख्यमंत्री के 7 निश्चय सम्मिलित है.
उन्होंने कहा कि वे सदन को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि 7 निश्चय कार्यक्रम अगले 5 वर्ष में पूरे किये जाएंगे. इसमें से एक निश्चय जो महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित है को पूरा कर लिया गया है. यूनिवर्सिटी एवं कालेजों में वाई-फाई की सुविधा वर्ष 2016-17 में उपलब्ध करा दी जाएगी. राज्य के सभी घरों में बिजली कनेक्शन भी अगले 2 वर्षो में उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है.
उन्होंने कहा कि जहां तक अन्य निश्चयों का प्रश्न है उन पर भी अप्रैल 2016 से कार्य आरंभ किया जा रहा है एवं इन निश्चयों पर कार्य अगले 5 वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा.