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नहीं चलेगा बीमारी का बहाना

परीक्षा. डीएम ने मेडिकल जांच शिविर लगाने का किया फैसला पटना : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा सिर पर आते ही सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों के बीमार होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. मास्टर साहेब की ड्यूटी लगायी गयी, तो बीमारी के नाम पर छुट्टी के लिए उनके आवेदन पंचायती राज […]

परीक्षा. डीएम ने मेडिकल जांच शिविर लगाने का किया फैसला
पटना : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा सिर पर आते ही सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों के बीमार होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. मास्टर साहेब की ड्यूटी लगायी गयी, तो बीमारी के नाम पर छुट्टी के लिए उनके आवेदन पंचायती राज कार्यालय के कार्मिक कोषांग में आने शुरू हो गये. डीएम ने अब सभी वैसे कर्मचारियों की मेडिकल जांच कराने का फैसला किया है, जिन्होंने बीमार होने का हवाला देकर छुट्टी के लिए आवेदन दिया है. परीक्षा की ड्यूटी के पहले कलेक्ट्रेट में एक मेडिकल कैंप लगाया जायेगा जिसमें सभी बीमारियों की जांच होगी.
उनके आवेदनों में दी गयी जानकारी के मुताबिक ही उस बीमारी के विशेषज्ञ डाक्टर जांच करेंगे. बीमार हुए तो छुट्टी मंजूर हो जायेगी और गड़बड़ी मिली, तो कार्रवाई की जायेगी. डीएम ने यह फैसला किया है कि सभी शिक्षकों को उनके अनुमंडल में ही ड्यूटी दी जायेगी. जानकारी नेशनल इनफॉर्मेशन सेंटर को भी दे दी गयी है.
फ्लाइंग परीक्षार्थी पर बोर्ड की नजर
जिन जिलों में फ्लाइंग परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल होंगे, वहां के स्कूल और कॉलेजों पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की विशेष नजर होगी. इसको लेकर स्कूल और कॉलेजों से परीक्षार्थियों की लिस्ट मांगी गयी है. लिस्ट के आधार पर ऐसे परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल की तैनाती भी की जायेगी. ज्ञात हो कि प्रदेश में कई जिले एेसे है जहां पर फ्लाइंग परीक्षार्थी काफी संख्या में इंटर की परीक्षा में शामिल होते है. बोर्ड ऐसेजिलों की सूची तैयार कर रहा है. 2015 के कदाचारवाले सेंटरों को ध्यान में रख कर इस पर नजर रखी जायेगी.
ऐसे परीक्षार्थी के बारे में केंद्राधीक्षक को भी जानकारी दी जायेगी. समिति सूत्रों की मानें तो पकड़ में आने पर तुरंत ऐसे परीक्षार्थी को निष्कासित किया जायेगा.
– दूसरे राज्य में रहते हैं, बस परीक्षा देने आते हैं बिहार
वैशाली, अररिया, गोपालगंज, सीवान आदि ऐसे जिले है जहां पर फ्लाइंग परीक्षार्थी की संख्या अधिक होती है. अधिकांश परीक्षार्थी इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा या बाहरी राज्यों के दूसरे शहरों में रहते है. कोचिंग संस्थान के माध्यम से इंटर का परीक्षा फॉर्म किसी स्कूल या कॉलेज से भरते है. ये बस परीक्षा देने बिहार आते हैं. सेंटर पर उन्हें नकल करवाने का पूरा इंतजाम होता है.

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