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बृजनाथी की हत्या के तीन एंगल

लोजपा नेता हत्याकांड. कच्ची दरगाह पर एके-47 से शुक्रवार को भून दिया था अपराधियों ने बृजनाथी सिंह की हत्या को लेकर पूरा पुलिस तंत्र सतर्क हो गया है. दियारे में अनहोनी को लेकर पुलिस अधिकारी पूरी तरह चौकस हैं. पटना की कच्ची दरगाह से लेकर वैशाली के फतेहपुर तक जवानों ने पूरी तरह कमान संभाली […]

लोजपा नेता हत्याकांड. कच्ची दरगाह पर एके-47 से शुक्रवार को भून दिया था अपराधियों ने
बृजनाथी सिंह की हत्या को लेकर पूरा पुलिस तंत्र सतर्क हो गया है. दियारे में अनहोनी को लेकर पुलिस अधिकारी पूरी तरह चौकस हैं. पटना की कच्ची दरगाह से लेकर वैशाली के फतेहपुर तक जवानों ने पूरी तरह कमान संभाली है. नामजद अभियुक्तों से लेकर क्षेत्र के तमाम संदिग्धों व बदमाशों पर बारीक नजर है. उधर बृजनाथी के भाई की जख्मी पत्नी की हालत अब बेहतर है. डॉक्टरों ने उसके शरीर से गोली निकाल दी है. हालांकि घटना को लेकर पूरा परिवार डरा हुआ है. उधर बृजनाथी सिंह का शनिवार को गंगा नदी में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
एक सांसद के खिलाफ खोल रखा था मोरचा
लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की एक सांसद से अच्छी जान-पहचान थी, लेकिन उन्होंने कुछ दिनों से उस सांसद के खिलाफ मोरचा खोल रखा था. यहां तक कि लोगों की भीड़ में भी वे उस सांसद के खिलाफ कुछ भी कहने से नहीं चुकते थे. इसके कारण उक्त सांसद से उनके संबंधों में खटास आ गयी थी.
उक्त सांसद को उनकी ही पार्टी से फिलहाल तवज्जो नहीं मिल रही है. इसके साथ ही बृजनाथी सिंह एक दल विशेष के नेताओं के बीच अपनी अच्छी पैठ बना रखी थी और राघोपुर के साथ ही वे वैशाली स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल हुए थे. उक्त सांसद से पार्टी व घटक दलों के नेताओं की नाराजगी के कारण बृजनाथी सिंह को काफी महत्व दिया जा रहा था.सूत्रों का कहना है कि बृजनाथी सिंह का लगातार राजनीतिक कद बढ़ने से उक्त सांसद को चिंता होने लगी थी.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी पहचान वैशाली जिले में एक जाति विशेष के लोगों में काफी अच्छी बना ली थी. वे अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा से भी जुड़े थे और वैशाली के हर प्रखंड में हमेशा कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित करते थे. यहां तक कि एक दल विशेष के नेता जब भी हाजीपुर आते, तो बृजनाथी सिंह से अवश्य मिलते, जिसके कारण भी सांसद परेशान थे. इसके साथ ही वैशाली स्तर पर होनेवाले कई विकास कार्यों की ठेकेदारी बृजनाथी सिंह के कारण उनके साथ रहनेवाले लोगों को मिला था, जिसके कारण भी कई लोग उनसे खफा थे.
प्रखंड प्रमुख के चुनाव को लेकर भी दुश्मनी
बृजनाथी के भाई अमरनाथ सिंह की पत्नी मुन्नी देवी फिलहाल प्रखंड प्रमुख है. इस पद पर पहले राघोपुर के ही सुबोध राय की पत्नी अनिता देवी थी, लेकिन सात साल पहले ही मुन्नी देवी प्रखंड प्रमुख बनायी गयी थी. इसके बाद फिर से उन्हें प्रखंड प्रमुख बनाया गया था.
प्रखंड प्रमुख बनवाने में बृजनाथी सिंह की अहम भूमिका थी. मुन्नी देवी को प्रखंड प्रमुख से हटवाने के लिए कई बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, लेकिन हर बार अपने कद्दावर व समाजसेवी छवि के कारण विरोधियों को पटखनी देते रहे. एक दल विशेष के नेता हमेशा मुन्नी देवी को हटाने की कवायद करते रहते. इस दौरान राघोपुर इलाके में भी उन्होंने कई लोगों से दुश्मनी से पाल रखी थी.
जेल में हुई थी अपराधी अनिल शर्मा से अदावत
हाजीपुर जेल के अंदर झारखंड के कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा से भी बृजनाथी सिंह की दुश्मनी हुई थी. जब बृजनाथी सिंह हाजीपुर जेल में बंद थे, तो अनिल शर्मा से अदावत हुई थी और मारपीट तक की घटना हुई थी. इस प्रकार बृजनाथी सिंह ने अपने क्षेत्र राघोपुर से लेकर वैशाली स्तर पर दुश्मनों की एक लंबी कतार खड़ी कर रखी थी. इसको लेकर इसके पहले भी हमले हुए थे, जिसमें बच गये थे.
चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
बृजनाथी की हत्या के बाद प्रतिशोध में बवाल या घटना न हो, इसके लिए कच्ची दरगाह से लेकर फतेहपुर गांव तक में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती है. कच्ची दरगाह पर पटना पुलिस, तो राघोपुर के फतेहपुर में वैशाली पुलिस व बीएमपी के जवान मौजूद हैं. पुलिस को आशंका है कि हत्या के बाद बदले की आग में अनहोनी हो सकती है, क्योंकि एक आरोपित मुन्ना सिंह भी उसी गांव का निवासी है और कुछ दूरी पर ही उसका घर है. वहीं गांव में घटना के दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा.
मुन्ना हो सकता है माध्यम, पीछे बड़ी साजिश
इस घटना में मुख्य आराेपित के रूप में राघोपुर के फतेहपुर गांव के ही मुन्ना सिंह का नाम सामने आया है. लेकिन, राघोपुर में यह बात किसी ग्रामीण को नहीं पच रही है. वहां के लोग इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वता के कारण हुई घटना मान रहे हैं. मुन्ना सिंह हत्या की घटना को अंजाम देने का एक माध्यम जरूर हो सकता है, लेकिन इसके पीछे कई सफेदपोश की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. दरअसल वे अंदर-ही-अंदर बृजनाथी सिंह के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव व एक खास जाति के बीच प्रभावशाली उपस्थिति के कारण खफा थे.
मुन्ना सिंह के बारे में यह कहा जा रहा है किजिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है और एके-47 व एके-56 जैसे हथियार का इस्तेमाल किया गया है, वह अकेले मुन्ना सिंह के बस की बात नहीं है. इसके पीछे बड़ी साजिश है और पूरी तैयारी के साथ यह साजिश रची गयी कि बृजनाथी सिंह किसी हालत में नहीं बचे. इसके साथ ही उसे किसी मजबूत हाथ का सहारा भी मिला है.

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