पटना: विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पटना सीरियल बम ब्लास्ट में सुरक्षा चूक की जांच को लेकर इंटेलीजेंस ब्यूरो, रॉ या पूर्व डीजीपी की अध्यक्षता में विशेष जांच कमेटी गठित की जाये. आतंकी घटना की जांच एनआइए द्वारा की जा रही है लेकिन सुरक्षा चूक को लेकर न तो एक भी पुलिसकर्मी निलंबित हुआ और न ही किसी को इसके लिए जिम्मेवार बताया गया है.
ऐसे में इसकी जांच करायी जाये. उन्होंने कहा कि पटना सीरियल बम ब्लास्ट को लेकर पुलिस नहीं, बल्कि एकमात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं. मुख्यमंत्री के समक्ष पुलिस के आलाधिकारी इंडियन मुजाहिद्दीन व सिमी का नाम लेने से डरते हैं, कहीं वे नाराज न हो जायें. मोदी ने बुधवार को विधान परिषद में भोजनावकाश के पूर्व ‘राज्य में गिरती विधि व्यवस्था, आतंकवाद, सांप्रदायिकता एवं नक्सलवाद से उत्पन्न स्थिति’ पर आयोजित विशेष वाद विवाद पर भाजपा का पक्ष रखते हुए कहा कि जब बम ब्लास्ट की सूचना उन्होंने डीजीपी को दी तो डीजीपी ने कहा कि यह तो ट्रैक्टर का चक्का फटने की आवाज है.
उन्होंने कहा कि आतंकी हमला दुनिया में कहीं और कभी भी हो सकता है, लेकिन जदयू की अधिकार रैली की तुलना में 27 अक्तूबर को हुई भाजपा की हुंकार रैली की सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर थी. एक अक्तूबर व 23 अक्तूबर को आइबी इनपुट के बाद भी गांधी मैदान में न तो सीसीटीवी कैमरे लगाये गये और न ही मेटल डिटेक्टर की पर्याप्त व्यवस्था की गयी. जदयू की रैली में 10 हजार पुलिसकर्मी तैनात किये गये, जबकि हुंकार रैली में बमुश्किल चार हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया. भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पहुंचने पर भी कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें सूचना मुहैया कराने वाला नहीं था, गांधी मैदान में वरीय अधिकारी के रूप में सिर्फ डीएसपी शीला ईरानी तैनात थी.
राजनाथ के बयान पर चला आरोप-प्रत्यारोप : सदन में जारी विशेष वाद-विवाद के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा पटना सीरियल बम ब्लास्ट के बाद दिये गये बयान एवं गांधी मैदान में सीसीटीवी नहीं लगाये जाने व उसके फूटेज को दिखाने के दावे के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रहा.
विशेष वाद विवाद के दौरान जदयू के नीरज कुमार ने अक्षरधाम मंदिर व अहमदाबाद में आतंकी हमले व खंडवा जेल से भागे छह आतंकियों का उल्लेख करते हुए जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा दिये गये बयान की ओर ध्यान दिलाया, तो सदन में माहौल गरम हो गया. नीरज कुमार ने कहा कि यह भाजपा की संस्कृति है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मीडिया में दिये बयान में कहा कि वे पटना रैली में नहीं जाते, तो दंगा भड़क सकता थे. वे विधि-व्यवस्था की स्थिति खराब होने की जगह दंगा भड़कने की बात कह रहे थे. इस पर भाजपा के मंगल पांडे ने कड़ी आपत्ति जताते हुए ऐसे किसी बयान से इनकार किया और चुनौती दी कि इसे साबित करे अन्यथा इसे सदन की कार्रवाई से बाहर निकाला जाये. नीरज ने आपत्ति जतायी.
सीसीटीवी फूटेज पेश करने का दावा : मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सुशील मोदी द्वारा सीसीटीवी नहीं लगाये जाने की बात से पूरी तरह इनकार किया. उन्होंने दावा किया कि 23 सीसीटीवी कैमरे रैली के दौरान काम कर रहे थे, वे चाहे तो सरकार उन्हें दिखा सकती है. दूसरी ओर,सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार जिस सीसीटीवी फूटेज की बात कर रही है. वे शहर में लगाये गये कैमरे थे न कि गांधी मैदान में लगाये गये थे.