फिर उत्पाद शुल्क बढ़ा आधा लाभ गटक गयी सरकारकच्चे तेल के दाम 12 साल के निचले स्तर पर डीजल-पेट्रोल के दाम में हुई मामूली कमीडीजल पर उत्पाद शुल्क दो रुपये व पेट्रोल पर 75 पैसे लीटर बढ़ानयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में रिकॉर्ड गिरावट के पूरे लाभ से आम उपभोक्ता एक बार फिर वंचित रह रहे गये. सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के अनुपात में डीजल-पेट्रोल के दाम में कमी करने के बजाय एक बार फिर उत्पाद शुल्क बढ़ा कर अपना खजाना भरने को अहमियत दी. सरकार ने शुक्रवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 75 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी. दो सप्ताह से भी कम समय में यह उत्पाद शुल्क में दूसरी बढ़ोतरी है. इससे सरकार 3,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटा पायेगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 12 साल के निचले स्तर पर आ गये हैं. लेकिन, सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को इससे होनेवाला लाभ सिमट कर आधा रह गया. उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से ही शुक्रवार को कीमत में कटौती पेट्रोल के मामले में 32 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 85 पैसे प्रति लीटर तक सिमट गयी. केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीइसी) की अधिसूचना के अनुसार गैर ब्रांडेड या सामान्य पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क की दर 7.73 रुपये से बढ़ कर 8.48 रुपये प्रति लीटर हो गयी है. इसी तरह गैर ब्रांडेड डीजल पर यह 7.83 रुपये से बढ़ कर 9.83 रुपये लीटर हो गयी है. उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोतरी से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 3,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.इससे पहले सरकार ने दो जनवरी को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 37 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाया था. इससे सरकार को 4,400 करोड़ रुपये से थोड़ा कम अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. वहीं सरकार ने 17 दिसंबर, 2015 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 30 पैसे और डीजल पर 1.17 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया था, जिससे 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सके. सात नवंबर, 2015 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 1.60 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गयी थी, जिससे 3,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सके. इस तरह चालू वित्त वर्ष में अभी तक ईंधन पर उत्पाद शुल्क में चार बार बढ़ोतरी की गयी है. विनिवेश लक्ष्य में कमी की भरपाई दो सप्ताह से भी कम समय में यह उत्पाद शुल्क में दूसरी बढ़ोतरी है. सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से अपने राजस्व में बढ़ोतरी करना चाहती है, जिससे विनिवेश लक्ष्य में आनेवाली कमी की कुछ भरपाई हो सके. कच्चे तेल के दाम में 15% कमी, पर पेट्रोल-डीजल के दाम में 2% से कम कटौती इंडियन क्रूड बास्केट की कीमत गुरुवार को 3.25% घट कर 26.43 डॉलर बैरल आ गयी. भारतीय करेंसी में यह कीमत 1826 रुपये प्रति बैरल के बराबर है. हालांकि, दिसंबर के आखिर में क्रूड ऑयल की कीमत 2147 रुपये प्रति बैरल के आसपास थी. इस प्रकारण 31 दिसंबर और 15 जनवरी के बीच क्रूड ऑयल की कीमतों में लगभग 15% की कमी आ चुकी है. जबकि ताजा समीक्षा में पेट्रोल के दाम में मात्र एक फीदसी व डीजल के दाम में लगभग दो फीसदी की कटौती की गयी.चालू वित्तीय वर्ष में चौथी बार बढ़ा उत्पाद शुल्कतिथि®पेट्रोल®डीजल®संभावित आय15 जनवरी, 2016®75 पैसे®~02®3,700 करोड़02 जनवरी, 2016®37 पैसे®~02®4,400 करोड़17 दिसंबर, 2015®30 पैसे®~1.17®2,500 करोड़सात नवंबर, 2015®~1.60®30 पैसे®3,200 करोड़
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