ठंड कम पड़ी, तो रुठ गये परदेसी परिंदे बिहार, ओडिशा और बंगाल की झीलों में इस बार नहीं जुट रहा सुंदर पक्षियों का झुंडप्रहलाद कुमार, पटनाहजारों मील का सफर तय कर प्रवासी पक्षी खाना व ठिकाना ढूंढ़ने बिहार के विभिन्न जिलों तक पहुंचते हैं. इन्हें देखने के लिए पर्यटक व स्थानीय लोग साल भर इंतजार करते हैं. इस बार कम पड़ी ठंड ने उन पक्षियों का रास्ता भी रोक दिया है और यहां की बड़ी-छोटी झीलें इस बार गुलजार नहीं हो पा रही हैं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार विभिन्न देशों से हर वर्ष सर्दियों के मौसम में लगभग 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी अपना वंश बढ़ाने के लिए बिहार आते हैं. इसमें साइबेरियन, ओरियंटल हनी बुजार्ड, यूरेशियम मार्स हैरियर, रूफी, सारस केरन, इम्पीरियल ईगल, इंडियन बुश लार्क और टाउनी पिपिट सहित अन्य प्रजातियों के मेहमान शामिल हैं. हिमालय पार कर आता था झुंडहमारे देश में प्रवासी पक्षी हिमालय को पार कर मध्य एवं उत्तरी एशिया और पूर्वी व उत्तरी यूरोप से आते हैं. इनमें चीन, तिब्बत, जापान, रूस (साइबेरिया), अफगानस्तिान, ईरान, मंगोलिया एवं भूटान जैसे देश शामिल हैं. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा इम्पोर्टेड बर्ड एरियाज इन इंडिया के नए संस्करण में बिहार के करीब 20 महत्वपूर्ण पक्षी स्थलों को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है. आवास, जीवन पर संकट के बाद आते हैं माना जाता है कि जब इन पक्षियों के मूल निवास (प्रजनन स्थल) पर प्रकृति का प्रकोप बढ़ता है, तब ये बाहर का रुख करते हैं. जब इनके प्रजनन स्थल पर चारों ओर बर्फ जम जाती है और भोजन, आवास, जीवन पर संकट खड़ा हो जाता है, तब ये पक्षी वैसे इलाकों में अपना बसेरा बना लेते हैं, जहां ठंड तुलनात्मक रूप से कम होती है. ऐसे इलाकों में बिहार के भी कई जिले शामिल हैं, जहां ये अपना अस्थायी बसेरा बनाते हैं. मार्च शुरू होने के पहले ये पक्षी अपने घर वापस लौट जाते है. ठंड शुरू होते ही बिहार समेत देश के कई क्षेत्रों में प्रवासी पक्षी का आगमन प्रारंभ हो जाता है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पक्षियों की करीब 1,300 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमें लगभग 300 प्रजातियां प्रवासी होती हैं. कोट : ठंड कम पड़ने से इस बार कश्मीर, शिमला जैसे राज्यों में कुछ प्रवासी पक्षियों का झुंड भले ही दिख जाये, पर बिहार, बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में इस बार ये नहीं दिखेंगे. अगर कहीं साइबेरियन पक्षी दिख भी गये, तो वह एक-दो की संख्या में होंगे. बड़ी संख्या में नहीं रहेंगे. डॉ एके सेन, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र \\\\B
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ठंड कम पड़ी, तो रुठ गये परदेसी परिंदे
ठंड कम पड़ी, तो रुठ गये परदेसी परिंदे बिहार, ओडिशा और बंगाल की झीलों में इस बार नहीं जुट रहा सुंदर पक्षियों का झुंडप्रहलाद कुमार, पटनाहजारों मील का सफर तय कर प्रवासी पक्षी खाना व ठिकाना ढूंढ़ने बिहार के विभिन्न जिलों तक पहुंचते हैं. इन्हें देखने के लिए पर्यटक व स्थानीय लोग साल भर इंतजार […]
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