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सुधा डेयरी में गैस का रिसाव
उलटियां होने और दम घुंटने से अफरा-तफरी, लोग घर छोड़ भागे फुलवारीशरीफ : पटना डेयरी प्रोजेक्ट के सुधा उत्पाद परिसर में बुधवार की देर शाम अचानक अमोनिया गैस के रिसाव होने की सूचना से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया. सुधा डेयरी के कर्मचारियों सहित आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में गैस […]
उलटियां होने और दम घुंटने से अफरा-तफरी, लोग घर छोड़ भागे
फुलवारीशरीफ : पटना डेयरी प्रोजेक्ट के सुधा उत्पाद परिसर में बुधवार की देर शाम अचानक अमोनिया गैस के रिसाव होने की सूचना से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया. सुधा डेयरी के कर्मचारियों सहित आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में गैस के रिसाव से दम घुंटने लगा. कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी. लोग अपने घरों से निकल कर सड़क पर आ गये. लोगों को यह सूचना मिली की सुधा फैक्टरी से किसी तरह की गैस का रिसाव हो रहा है, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है.
इस दौरान कुछ महिलाओं, वृद्ध और बच्चों को उलटी भी हुई. हालांकि, इस घटना से किसी भी तरह के जान माल का नुकसान नहीं हुआ. करीब घंटा भर तक लोग घर जाने से डरते रहे. सुधा डेयरी प्रबंधन ने लोगों को आश्वस्त किया कि अमोनिया के गंध से डरने की जरूरत नहीं है.
सुधा के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि चिलिंग प्वाइंट से तेल निकालने के क्रम में दस से पंद्रह मिनट के लिए अमोनिया गैस का रिसाव हो गया था. इसे तकनीशियन द्वारा तत्काल ठीक कर लिया गया. उन्होंने कहा कि अमोनिया में इन्हेलर की तरह गंध होता है. यह जानलेवा नहीं होता. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से डरने की कोई बात नहीं है. प्लांट की मशीन भी ठीक तरह से काम कर रही है.
चार कॉलोनियों के डेढ़ हजार लोग परेशान
बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे पटना डेयर
प्रोजेक्ट में अमोनिया गैस का रिसाव होना शुरू हो गया, जिससे हारून नगर और आसपास के मुहल्लों में रहने वाले लोगों की आंखों में आंसु आने के
साथ जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. लोगों को उलटी होने लगी. यह समस्या हारून नगर सेक्टर-एक व दो के साथ साथ फेडरल कॉलोनी और शांति कुंज मुहल्लों में रहने वालें लोगों को भी हुई. 15 मिनट में पूरे मुहल्लों में उलटी और आंखों में आंसू व जलन की शिकायत फैल गयी.
मुहल्लों में जैसे ही सांस लेने की शिकायत की बात फैली, तो लोगों ने घरों से बाहर भागना शुरू कर दिया और देखते-देखते ही मुहल्लों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. मुहल्लों की लोगों की शिकायत पर पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम पहुंची, लेकिन डेयर के कर्मचारी रूटीम गैस रिसाव का आश्वास देते रहे. आलम यह हो गया था कि मुहल्ला छह बजे खाली हो गया था और सिर्फ आलाधिकारी भी मुहल्ले में दिख रहे थे.
रिश्तेदार के घर गये लोग
गैस रिसाव होने के बाद भटू के घर के दो बच्चों सफक व रफक को उलटी होने लगी. इसके साथ ही मो अशफाक और एजाज के आंसों से आंसू के साथ जलन होने लगी. इससे भटू के पूरा परिवार घबरा गया. घर से बाहर निकला, तो मुहल्ले के लोग भाग रहे थे, तो भटू के परिवार भी अपने रिश्तेदार के घर गर्दनीबाग भागे. यह स्थिति सिर्फ भटू के नहीं थे, बल्कि पूरे मुहल्ले की थी.
एनडीआरएफ की टीम पहुंची
गैस रिसाव से मुहल्ले में हड़कंप मचा, तो भटू ने डीएम, एसएसपी, एएसपी और आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव व्यास जी को फोन किया. भटू ने बताया कि डीएम को तीन बार फोन किया.
एएसपी और व्यास जी जानकारी मिलते ही तुरंत एक्शन में आये. इसके बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि कोई परेशानी की बात नहीं है. इसके बाद अफरा-तफरी तक हुई और लोग धीरे-धीरे अपने-अपने घरों में लौटने लगे.
क्या हुआ था
पटना डेयरी प्रोजेक्ट स्थित एमआरएसी चिलिंग प्लांट में फ्रीजिंग सिस्टम में कुछ दिनों के अंतराल पर तेल बदला जाता है. जिस प्रकार घरेलू फ्रीज में अमोनिया गैस की मात्रा पायी जाती है उसी प्रकार चिलिंग प्लांट में भी होता है.
अचानक इसका रिसाव होने लगा. गैस का गंध आसपास के इलाकों में जब पहुंचा तो लोग डर गये और बाहर निकल आये. करीब पंद्रह मिनट बाद इस पर काबू पा लिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अचानक हुई इस घटना को लोग समझ नहीं पाये. थोड़ी देर बाद बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों को उलटी होनी शुरू हो गयी. आंख में जलन, सांस लेने में तकलीफ होने लगी. तब लोग घर से बाहर सुरक्षित जगह की ओर भागने लगे. स्थानीय लोगों के मुताबिक एक घंटा तक गैस का रिसाव होता रहा. इस बीच फुलवारी एएसपी राकेश कुमार, थानेदार अकिल अहमद दल बल के साथ मौके पर पहुंचे.
बेहद खतरनाक गैसों में से एक अमोनिया गैस का असर जानलेवा हो सकता है. यह हवा से हल्की होती है और इसका वाष्प घनत्व 8.5 है. इसका रिसाव होने पर यह तेजी से हवा में घूल जायेगा और अास-पास रहनेवाले लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है. रिसाव प्वाइंट से सात किलो मीटर की दूरी तक रहने वाले इससे प्रभावित हो सकते हैं.
इससे आंखों में जलन, जी घबराने व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होती है. इसका असर चार दिन तक रहता है. ऐसे में लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट हो जाना चाहिए. अमोनिया गैस से फेफड़ों में सूजन, मिरगी आना आदि की समस्या उम्र के अंतिम पड़ाव तक हो जाता है.
– डॉ अभिजीत सिंह, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पीएमसीएच
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