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अब भी कंट्रोल में नहीं लाइट
ट्रैफिक सिगनल : कंट्रेाल रूम तैयार, पर संचालन का अब तक हो रहा है ट्रायल पटना : शहर में अब तक 65 जगहों पर ट्रैफिक सिगनल लगा दिये गये. वहीं गांधी मैदान स्थित पीसीआर में डायल 100 के कार्यालय के समीप इसका कंट्रोल रूम बनाया गया है. यहां से शहर में लगे तमाम ट्रैफिक सिगनल […]
ट्रैफिक सिगनल : कंट्रेाल रूम तैयार, पर संचालन का अब तक हो रहा है ट्रायल
पटना : शहर में अब तक 65 जगहों पर ट्रैफिक सिगनल लगा दिये गये. वहीं गांधी मैदान स्थित पीसीआर में डायल 100 के कार्यालय के समीप इसका कंट्रोल रूम बनाया गया है. यहां से शहर में लगे तमाम ट्रैफिक सिगनल नियंत्रित किये जायेंगे.
हालांकि इसकी प्रक्रिया 25 जनवरी के बाद से ही पूरी हो सकेगी, क्योंकि पांच-पांच जगहों पर लगे ट्रैफिक सिगनल लाइट को नियंत्रित कैसे किया जाये, इसके लिए ट्रायल चल रहा है. मंगलवार को ट्रायल को देखने के लिए कमिश्नर, डीएम, एसएसपी व अन्य अधिकारियों को बुलाया गया था, लेकिन इस योजना से जुड़े एक इंजीनियर की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने के कारण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. हालांकि प्रशासन का लगातार प्रयास है कि जितनी जल्दी ट्रैिफक सिगनल सिस्टम पूरी तरह लागू हो जाये.
कंट्रोल रूम कैसे करेगा काम
कंट्रोल रूम में यातायात पुलिस पदाधिकारी व जवानों की ड्यूटी लगी रहेगी. वहां शहर में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरे व ट्रैफिक सिगनल को जोड़ दिया गया है. हर जगह से सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से वहां का दृश्य दिखता रहेगा.
अगर किसी चौराहे पर ट्रैफिक निकल जायेगा, इसके बाद भी लाल बत्ती जलती ही रहेगी, तो उसे कंट्रोल रूम से ही तुरंत हरा किया जायेगा, ताकि लोगों को इंतजार नहीं करना पड़े. इसी तरह अगर यातायात को अधिक देर तक रोकना है, तो लाल बत्ती की टाइमिंग वहीं से बढ़ा दी जायेगी. कंट्रोल रूम से ट्रैफिक सिगनल के निर्धारित समय को आसानी से बदला जा सकेगा और यातायात को सुगम बनाया जायेगा.
वाहन मालिकों के नाम व नंबर किये जायेंगे अपलोड
कंट्रोल रूम में यातायात पुलिस पदाधिकारी व जवानों की ड्यूटी लगी रहेगी. वहां शहर में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरे व ट्रैफिक सिगनल को जोड़ दिया गया है. हर जगह से सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से वहां का दृश्य दिखता रहेगा.
अगर किसी चौराहे पर ट्रैफिक निकल जायेगा, इसके बाद भी लाल बत्ती जलती ही रहेगी, तो उसे कंट्रोल रूम से ही तुरंत हरा किया जायेगा, ताकि लोगों को इंतजार नहीं करना पड़े. इसी तरह अगर यातायात को अधिक देर तक रोकना है, तो लाल बत्ती की टाइमिंग वहीं से बढ़ा दी जायेगी.
कुल 97 स्थानों पर लगाये जायेंगे ट्रैफिक सिगनल : नगर विकास विभाग ने इस योजना को पूरा करने की जिम्मेवारी बिहार अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बुडको) को दी थी.
24.45 करोड़ की राशि से राजधानी और आस-पास के इलाकों के 97 स्थानों पर ट्रैफिक सिगनल लगाया जाना था. इनमें से 72 स्थानों पर ऑटोमैटिक सिगनल लगना था. वहीं इसमें पिक और नॉन पिक अवर में ऑटो टाइमिंग फिक्स होना था. इसके साथ ही 25 स्थानों पर फिक्स लाइट लगायी जानी थी.
कहते हैं अधिकारी
तो तुरंत किया जायेगा फाइन : ट्रैफिक एसपी
ट्रैफिक एसपी प्राणतोष कुमार दास ने बताया कि कंट्रोल रूम से तमाम ट्रैफिक सिगनल को जोड़ दिया गया है.इस कंट्रोल रूम से सारे शहर के सीसीटीवी कैमरे भी जुटे हैं और वहां का हर दृश्य आंखों के सामने होगा. अगर कोई यातायात नियमों की अवहेलना करेंगे, तो उन्हें तत्काल जुर्माना का नोटिस भेजा जा सकेगा. इसके साथ ही कंट्रोल रूम से आसानी से ट्रैफिक सिगनल की टाइमिंग को भी बदला जा सकता है. इससे पूरे शहर में स्मूथ ट्रैफिक में यातायात पुलिस को मदद मिलेगी, साथ ही लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा. वे जाम से बचेंगे.
अभी लगातार ट्रायल चल रहा है : बुडको
बुडको के परियोजना पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रैफिक सिगनल लाइट 65 जगहों पर लगा दी गयी है, जो काम भी कर रही है. उन सभी को कंट्रोल रूम से जोड़ा जा चुका है. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे इस प्रक्रिया को आगे बढ़ायी जा रही है. अब लोगों में भी इसके पालन करने की आदत बनती जा रही है.
हालांकि शुरुआत में पांच-पांच जगहों को कंट्रोल रूम से चला कर ट्रायल किया जा रहा है. ट्रायल होने के बाद संभवत: 25 जनवरी के बाद शहर में कंट्रोल रूम के माध्यम से ट्रैफिक सिगनल नियंत्रित कर पूरी तरह से सभी जगहों पर शुरू कर दिया जायेगा
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