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मौत के पांच साल बाद मिला मुआवजा

पटना: पटना के दानापुर निवासी संजू सिंह का एक ही सपना था कि वे अपनी बेटी प्रिया को पढ़ा-लिखा करआइएएस अधिकारी बनायें, लेकिन एक एक्सीडेंट में प्रिया की मौत के साथ ही संजू का सपना भी टूट गया. प्रिया की याद में संजू गांव में ही स्कूल खोलना चाहती थी. इसके लिए उसने बीमा कंपनी […]

पटना: पटना के दानापुर निवासी संजू सिंह का एक ही सपना था कि वे अपनी बेटी प्रिया को पढ़ा-लिखा करआइएएस अधिकारी बनायें, लेकिन एक एक्सीडेंट में प्रिया की मौत के साथ ही संजू का सपना भी टूट गया. प्रिया की याद में संजू गांव में ही स्कूल खोलना चाहती थी. इसके लिए उसने बीमा कंपनी से मुआवजा लेने की पहल की, लेकिन कंपनी ने यह कहते हुए मुआवजा देने से मना कर दिया कि एक्सीडेंट में प्रिया की मौत नहीं हुई है. आखिरकार संजू ने कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट के आदेश के बाद बीमा कंपनी ने संजू को 5 लाख रुपये मुआवजे की रकम दी.

आग से हुई थी प्रिया की मौत: दानापुर के आर्मी स्कूल में इंटर में पढ़नेवाली प्रिया सिंह के लिए 6 जनवरी, 2009 की रात आखिर रात साबित हुई. रात के 9 बजे लाइट चले जाने के बाद पूरा परिवार भोजन करने के बाद सोने चला गया, लेकिन प्रिया ने लालटेन की रोशनी मे अपनी पढ़ाई जारी रखी. कंबल के अंदर बैठ कर पढ़ाई करते समय उसे अचानक नींद आ गई. इसकी वजह से लालटेन बिस्तर पर गिर गया और चारों तरफ आग फैल गई. परिवार के लोग कुछ समझ पाते उससे पहले आग की चपेट में आने से प्रिया पूरी तरह से झुलस गयी. परिवार के लोगों ने पड़ोस के सहयोग से प्रिया को अस्पताल में भरती कराया. जहां इलाज के दौरान 15 जनवरी, 2009 को उसकी मौत हो गई.

स्कूल में हुआ था बीमा: लड़कियों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने और किसी भी अनहोनी से निबटने के लिए स्कूल फीस के साथ ही उनकी बीमा की रकम जाम की जाती है. प्रिया ने भी स्कूल फीस के साथ ही आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी के अंतर्गत विद्यार्थी सुरक्षा कवच स्कीम के तहत आइसीआइसीआइ लोमवार्ड बीमा कंपनी में 60 रुपये जमा कर दिये. इसके एवज में उसका 5 लाख का बीमा किया गया था.

वादे से मुकरी बीमा कंपनी: बीमा करते समय कंपनी ने किसी भी अनहोनी की स्थिति में 5 लाख रुपये देने का वादा प्रिया के परिजनों से किया था. प्रिया की मौत के बाद संजू और उसके पिता जोगिंदर ने मुआवजे के लिए कंपनी को सूचना दी, लेकिन कई माह दौड़ाने के बाद कंपनी ने यह कहते हुए मुआवजा देने से मना कर दिया कि मौत की सूचना देने में परिजन ने काफी देर की है. कंपनी के नियमानुसार मौत के तीन घंटे बाद परिजन को फोन के माध्यम से या तीन दिन के अंदर खुद उपस्थित होकर सूचना देनी चाहिए थी, जबकि पीड़ित परिवार का कहना है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर मौत की सूचना दी गयी थी.

स्कूल ने दी थी बीमा कंपनी को सूचना: प्रिया सिंह की मौत के बाद परिवार के साथ आर्मी स्कूल के सभी बच्चे काफी दुखी थे. 7 अक्तूबर, 2009 को स्कूल में पुण्यतिथि मनायी गयी. जिसमें स्कूल के बच्चे, अभिभावक और टीचर शामिल थे. कार्यक्रम के उपरांत कंपनी को स्कूल ने प्रिया की मौत की सूचना दे दी.

उपभोक्ता फोरम में दावा
कंपनी द्वारा ठगी का शिकार हुई संजू ने अपने हक की लड़ाई के लिए कोर्ट जाने का निश्चय किया. वह पांच नवंबर 2009 में कंपनी पर 5 लाख रुपये का दावा कर दिया, जिससे कोर्ट मे केस नंबर 461 के तहत कार्रवाई की शुरुआत हुई. उपभोक्ता फोरम के वकील मोहन लाल का कहना है कि संजू सिंह और बीमा कंपनी के बीच 5 साल तक कानूनी लड़ाई चली, जिसके बाद 31 मई, 2013 में कोर्ट ने कंपनी को 5 हजार रुपये खर्च के साथ ही 5 लाख रुपये मुआवजे की रकम देने का आदेश दिया.

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