बीआइए के ओपेन हाउस सेशन में पहले दिन 50 से ज्यादा का प्रेजेंटेशन
पटना : बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का सभागार, समय दिन के 12 बजे, कंधे पर लैपटाप बैग लटकाये युवक और युवतियों का समूह पूरे जोश और जज्बे के साथ यहां मौजूद था. कोई आइआइटी से अाया था, कोई एनआइटी तो कोई निफ्ट के पटना सेंटर से आया था.
इनके बीच चंद चेहरे ऐसे थे जो बिहार के बाहर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु से आये थे और वो बिहार में अपना ऐसा बिजनेस डालना चाह रहे थे जो यहां सामाजिक बदलाव लाये. उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वे इसे शुरू कर सकें सो उन्होंने बीआइए के उस प्लेटफार्म का उपयोग करने का निर्णय लिया जहां उनका बिजनेस आइडिया सेलेक्ट होने के बाद आर्थिक और तकनीकी मदद भी मिलने वाली थी.
अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर एक लड़के ने बताया कि वो चाहता है कि बिहार के किसी भी गांव कस्बे में एक कॉल पर डॉक्टर पहुंचे. डाक्टर उनकी जेब के लिए भी किफायती
हो और सबकुछ बस मोबाइल के
एक अप्लीकेशन पर बटम क्लिक करने से हो जाये. एक और युवा अपने दवाई की डिलिवरी आइडिया के साथ बीआइए सभागार पहुंचा है. जेनरिक दवाइयां बिहार के घर घर पहुंचाना चाहता है और वो भी बिना किसी एक्स्ट्रा खर्च के.
पटना के यातायात पर बोझ कम करने के लिए स्कूटी टैक्सी का आइडिया है, किसानों को खाद पहुंचाने का और सोशल साइट्स पर डाले गये फोटो को वीडियो स्ट्रीमिंग करने का भी. कुल 50 टीम की ओर से स्टार्ट्सअप का प्रेजेंटेशन पेश किया गया. इसमें से पांच सात आइडिया को बिजनेस की शक्ल मिल जायेगी. ये इन्क्यूबेशन की शक्ल लेने को तैयार हैं.
जूरी में इंडियन एंजेल नेटवर्क के सिद्धांत बैद्य, स्टेनली स्टिफेन, बीआइए के वाइस चेयरमैन संजय गाेयनका, केपी केशरी, संजय झुनझुनवाला, सुबोध कुमार ने सभी के स्टार्टसअप का प्रजेंटेशन सुना. ये टीम आज भी युवा उद्यमियों से स्टाट्सअप का हाल लेगी.