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उड़ायी जा रही बाल श्रम कानून की धज्जियां
मनेर : प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ायी जा रही है. पदाधिकारी की नाक के नीचे मनेर में बाल श्रम आज भी बेरोक-टोक जारी है. मनेर ब्लाॅक हो या अंचल कार्यालय इसके मुख्य द्वार पर ही चाय दुकानों में खुलेआम बाल श्रमिकों से कार्य लिया जाता है. बावजूद पदाधिकारी कार्रवाई […]
मनेर : प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ायी जा रही है. पदाधिकारी की नाक के नीचे मनेर में बाल श्रम आज भी बेरोक-टोक जारी है. मनेर ब्लाॅक हो या अंचल कार्यालय इसके मुख्य द्वार पर ही चाय दुकानों में खुलेआम बाल श्रमिकों से कार्य लिया जाता है.
बावजूद पदाधिकारी कार्रवाई करने से परहेज करते है. लेवर इंस्पेक्टर तो केवल दिखावे के लिए है. इस वजह से गैरेज, होटल, ढाबा, ईंट भट्ठा आदि पर बाल श्रमिकों से जबरन कार्य कराया जाता है. मनेर में कोई जगह इससे अछूता नहीं है. लेकिन नियम व कानून केवल कागजों व दिवस मनाने में है. लेकिन धरातल पर आज भी बाल श्रमिकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. बाल श्रमिक विद्यालय भी सिर्फ दिखावे की है, जिसमें बालश्रम के नामपर केवल उगाही जारी है.
आज मजबूरी में छोटे- छोटे बच्चों को अपना पेट पालने के लिए काम करना पड़ रहा है. ऐसे बच्चे 21 वीं सदी में भी प्राथमिक शिक्षा से वंचित है. जबकि इनके भविष्य को संवारने को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती है और प्रति वर्ष इस पर करोड़ों रुपये खर्च भी किये जाते है. लेकिन आज भी बाल श्रमिकों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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