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पहले से मेक इन इंडिया कर रहे लोगों को नहीं है पूछ

पहले से मेक इन इंडिया कर रहे लोगों को नहीं है पूछसंवाददाता, पटना भारत की सरकार पूरी दुनिया में मेक इन इंडिया प्रोग्राम चला रही है. मेक इन इंडिया के तहत निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है लेकिन भारत में जो लोग मेक इन इंडिया यानी इंडस्ट्री चला रहे हैं. उनकी पूछ नहीं हो […]

पहले से मेक इन इंडिया कर रहे लोगों को नहीं है पूछसंवाददाता, पटना भारत की सरकार पूरी दुनिया में मेक इन इंडिया प्रोग्राम चला रही है. मेक इन इंडिया के तहत निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है लेकिन भारत में जो लोग मेक इन इंडिया यानी इंडस्ट्री चला रहे हैं. उनकी पूछ नहीं हो रही है. ये बातें मेनटॉर ऑन रोड के चीफ मेंटर और गवर्नमेंट ऑफ मानिटोबा कनाडा के विदेश प्रतिनिधि जगत शाह ने कही. वे बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के सभागार में आयोजित भारत में बिजनेस के विभिन्न आयाम कार्यक्रम में बोल रहे थे. 180 प्रोडक्ट होता है इंपोर्ट उन्हाेंने कहा कि अब आप इसे ऐसे समझिए कि अभी 180 प्रोडक्ट इंपोर्ट हो रहे हैं. इसमें टेलीकॉम, पावर, एलइडी और रक्षा सामग्री शामिल है. क्या इसका मेक इन इंडिया यहीं नहीं होना चाहिए. आपको यह समझना होगा कि कब और किन उद्योग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने मानिटोबा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां पर किस प्रकार खेती के जरिये उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया और आज भारत के कुल आयात का 43 प्रतिशत दाल वहीं से आता है. नई पहल हमेशा करनी होगी. मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को देना होगा बढ़ावा भारत में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का हिस्सा 15 फीसदी है. विकासशील देशों की सूची में भी इस स्तर पर भरत 12 वें सस्थन पर संघर्ष कर रहा है. देश में गुजरात इस सेक्टर में 25 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है. किसी भी राज्य की तरक्की स्माॅल बिजनेस पर निर्भर करता है. जब तक इसे नहीं बढ़ावा मिलेगा. पूर्ण विकास की संभावनाएं उतनी ही छीन होगी. मौके पर एसोसिएशन के सभी पदाधिकारीगण मौजूद थे.

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