11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डप्टिी मेयर मेहता को हटाना अवैध कोर्ट ने रद्द किया प्रधान सचिव का आदेश

डिप्टी मेयर मेहता को हटाना अवैध कोर्ट ने रद्द किया प्रधान सचिव का आदेशआदेश के अध्ययन के बाद ही आगे की कार्रवाई : मीणाविधि संवाददाता, पटनापटना नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता को बड़ी राहत मिली है. पटना हाइकोर्ट ने नगर आवास विकास विभाग के उस आदेश को रद्द कर दिया है, […]

डिप्टी मेयर मेहता को हटाना अवैध कोर्ट ने रद्द किया प्रधान सचिव का आदेशआदेश के अध्ययन के बाद ही आगे की कार्रवाई : मीणाविधि संवाददाता, पटनापटना नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता को बड़ी राहत मिली है. पटना हाइकोर्ट ने नगर आवास विकास विभाग के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें तीन लगातार बैठकों में गैरहाजिर रहने पर उनको पद से हटा दिया गया था. न्यायाधीश ज्योति शरण के एकलपीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया है. इधर निवर्तमान डिप्टी मेयर अमरावती देवी ने कहा कि मैं एकलपीठ के फैसले को मैं एक-दो दिन में डबल बेंच में चुनौती दूंगी. नगर आवास विकास विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर इस साल 30 अक्तूबर को रूप नारायण मेहता को डिप्टी मेयर के पद से हटना पड़ा और 30 नवंबर को डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव कराया गया. इसमें वार्ड नंबर 11 की वार्ड पार्षद अमरावती देवी डिप्टी मेयर चुनी गयी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नगर विकास विभाग का आदेश गलत था, जिस आधार पर डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता को पद से हटाया गया. कोर्ट ने कहा कि विभाग ने कानून की गलत व्याख्या की गयी है. रूप नारायण मेहता डिप्टी मेयर के पद पर बने रहेंगे. निवर्तमान डिप्टी मेयर अमरावती देवी ने कहा कि हाइकोर्ट के फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं. कोर्ट के आदेश पर ही डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ था, तो हमें भी नोटिस मिलना चाहिए था. एकलपीठ के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दूंगी. इसके लिए वकील से परामर्श ले रही हूं और दो-तीन दिनों में याचिका दायर करूंगी. वहीं, रूप नारायण मेहता ने कहा कि एक साजिश के तहत नियम की गलत व्याख्या किया गया, लेकिन हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था. उन्होंने पार्षदों से अपील की कि निगम में बहुत विवाद हुआ, लेकिन अब मिल-जुल कर काम करने की जरूरत है. मिल-जुल कर कार्य करने से ही जनता के हित में काम किया जा सकेगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि कोर्ट के आदेश मिलने के बाद ही आगे का कोई कदम उठाया जायेगा. उन्होंने बताया कि अभी कोर्ट का आदेश विभाग को नहीं मिला है, ऐसे में बिना आदेश के अध्ययन के कुछ भी नहीं कहा जा सकता. आदेश के अध्ययन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें