– प्रेम –
– फ्लाइट से आते हैं स्कॉलर, पहले भी पकड़े गये हैं रैकेट
– मोबाइल फोनयुक्त घड़ियां व ब्लू टूथ सहित कई डिवाइस पकड़ाये
पटना : रेलवे व अन्य सरकारी संस्थानों में नौकरी के लिए होनेवाली परीक्षाओं में हाइटेक तरीके से नकल करा कर अभ्यर्थियों का बेड़ापार लगानेवाले कई रैकेट राजधानी सहित राज्य में सक्रिय हैं.
इनमें मेडिकल व इंजीनियरिंग के छात्र से लेकर कई स्कॉलर भी शामिल हैं. इन्हीं स्कॉलरों के जरिये लिखित परीक्षा में पास करा कर नौकरी दिलाने के ठेके लिये जाते हैं. जैसी नौकरी, वैसी रेट फिक्स है. तीन लाख से दस लाख रुपये तक एक छात्र से लिये जाते हैं. कई स्कॉलर तो दिल्ली व मुंबई में नौकरी भी करते हैं, लेकिन अतिरिक्त कमाई के लालच में पटना आकर दूसरे के बदले परीक्षा देते हैं.
कैसे होती थी नकल
इन स्कॉलरों को फ्लाइट से आने-जाने का टिकट भी दिया जाता है. हाल के दिनों में बिहार पुलिस व एसटीएफ ने इस तरह के कई रैकेट का परदाफाश किया है. गिरोह में शामिल लोगों के पास से पुलिस ने ब्लू टूथ, मोबाइल फोन युक्त कलाई घड़ियां, प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिका के साथ कई कागजात भी बरामद किये हैं.
इसी साल 13 मई को पुलिस ने एन कॉलेज, पीएन एंग्लो स्कूल व पटना कॉलेजियट स्कूल परीक्षा केंद्र से आधा दर्जन छात्रों को परीक्षा में हाइटेक तरीके से चोरी करते हुए पकड़ा था. एएन कॉलेज परीक्षा केंद्र के पकड़े गये छात्र मुकेश कुमार (नवादा) व राजीव कुमार सिंह (छपरा) के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन लगा कलाई घड़ी बरामद किया था.
दोनों छात्र अपने हाथ में लगे घड़ियों को कान के समीप सटा रखे थे. बाहर से उन्हें प्रश्न-पत्र के उत्तर मोबाइल फोन से लिखवाये जा रहे थे. पूछताछ के दौरान इन छात्रों ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल की परीक्षा में पास कराने के लिए दो लाख रुपये लिये गये थे. रैकेट में शामिल जिन लोगों ने इनसे पैसे लिये थे, उसी ने इस डिवाइस (मोबाइल फोन युक्त कलाई घड़ी) को उपलब्ध कराया था.
इसी साल 30 जनवरी को भी पुलिस ने मेडिकल छात्र ललन कुमार को भी दूसरे की जगह परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किया था. वह दूसरे के बदले परीक्षा में बैठने के एवज में 50 हजार रुपये लिया था. सचिवालय सहायक परीक्षा में ललन विकास कुमार के बदले परीक्षा दे रहा था.
बाद में पुलिस ने इस गिरोह के ठिकानों पर छापेमारी कर लैपटॉप, ब्लू टूथ व अन्य डिवाइस बरामद किये थे. गिरोह में शामिल बृजमोहन सिंह, शिवांशु भारती व सिंकु को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बिहार पुलिस में सिपाही के पद के लिए पिछले साल हुए परीक्षा में भी 75 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गये थे.
ये सभी दूसरों के बदले परीक्षा दे रहे थे. इसी साल 14 जुलाई को भी एसटीएफ ने स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के मैनेजमेंट ट्रेनी (टेक्निकल व प्रशासनिक) की परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट कर परीक्षार्थियों को नकल कराते पांच स्कॉलर समेत सेटर गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया था.
ये लोग फुलवारी के एनएच 98 पर महंगूपुर में स्कॉलर्स एवोड स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र के समीप अमित कुमार के किराये के मकान में सेटिंग कर रहे थे. इन लोगों ने परीक्षा केंद्र से परीक्षा के लिए उपलब्ध प्रश्न पत्र के चारों सेट को एक शिक्षक के माध्यम से सेटिंग कर बाहर निकाल लिया था. प्रश्न पत्र को हल कर घड़ी मोबाइल से परीक्षा केंद्र के अंदर बैठे परीक्षार्थियों को एसएमएस के माध्यम से भेजा रहे थे.
इन लोगों के पास से प्रश्न पत्र के चारों सेट, इंजीनियरिंग की पुस्तकें, घड़ी मोबाइल फोन, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम, लैपटॉप, सिम कार्ड एवं हजारों नकद बरामद कर लिया गया था. पकड़े गये स्कॉलर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, एनआइटी पटना, आइआइटी गुवाहाटी आदि नामी कॉलेजों के छात्र थे.
इन लोगों की निशानदेही पर एसटीएफ की टीम ने परीक्षा केंद्र के अंदर से एक परीक्षार्थी को भी पकड़ लिया. इसके पास से भी एक घड़ी मोबाइल बरामद की गयी है. यह सेटरों द्वारा एसएमएस से भेजे जा रहे उत्तर को अपनी उत्तरपुस्तिका में भर रहे थे.