मोकामा: नाटे कद का एक युवक मंगलवार को लगभग चार बजे मोकामा थाने पहुंचता है. थानाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह कुछ कागजी काम निबटा रहे थे. युवक थानेदार के सामने हाथ जोड़ कर कहता है सर! मेरा नाम राजेश सिंह है और मैं आत्मसमर्पण करता हूं. यह सुनने में किसी फिल्मी दृश्य- सा प्रतीत होता है, पर सच्चई यही है. सोलह से अधिक मामलों में नामजद रहे राजेश ने इसी तर्ज पर आत्मसर्पण किया.
कई माह से लगी थी पुलिस
इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस राजेश सिंह के पीछे कई महीनों से लगी थी. एसएसपी मनु महाराज ने रंगदारी के मामले में नामजद रहे अपराधियों की गिरफ्तारी का सख्त निर्देश दिया है. पिछले तीन दिनों से लगातार छापेमारी की जा रही थी. बताया जाता है कि राजेश सिंह के पीछे पहली बार इतनी सख्ती से पुलिस लगी थी. विगत तीन दिनों में बाढ़, बड़हिया, हथिदह, मरांची और मोकामा थानों के इलाकों में बीस से अधिक बार तलाशी और छापेमारी अभियान चलाया गया था.
झारखंड में भी दर्ज हैं मामले
पुलिस हिरासत में राजेश सिंह ने अधिकतर मामलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है तथा कुछ मामलों में नाहक फंसाये जाने की बात कही है. राजेश उर्फ बौना पर मोकामा थाने में 11, बेगूसराय में एक तथा रांची में चार मामले दर्ज हैं. राजेश सिंह के खिलाफ अन्य मामलों की पुलिस पड़ताल कर रही है. राजेश सिंह पर रंगदारी के सर्वाधिक आठ मामले दर्ज हैं. अन्य मामले हत्या,लूट, अपहरण, फिरौती वसूली, आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास आदि के हैं.
सूत्रों की मानें, तो बिहार से ज्यादा झारखंड में इसकी तूती बोलती थी. मोकामा स्थित एफसीआइ डिपो की ट्रांस्पोर्टिग से भी कथित तौर पर रंगदारी में अच्छी- खासी रकम इसे मिलती थी. राजेश उर्फ बौना कई दिनों से आत्मसमर्पण की फिराक में था. स्थानीय पत्रकार से भी उसने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर संपर्क कर आत्मसमर्पण करने तथा मुख्यधारा में लौट कर जीवन गुजर- बसर करने की इच्छा जाहिर की थी. मोकामा के विधायक अनंत सिंह तक भी उसने अपने संपर्को के माध्यम से आत्मसमर्पण करने की इच्छा जाहिर की थी.