पटना : पटना विश्वविद्यालय के बीएड व एमएड कोर्स में पीयू के छात्रों के आरक्षण को खत्म कर दिया गया है. इस वर्ष दो वर्षीय पाठ्यक्रम के अनुसार जो बीएड व एमएड कोर्स होंगे, उनमें पीयू के छात्रों को आरक्षण नहीं मिलेगा. पहले पीयू के छात्रों को 80 प्रतिशत आरक्षण मिलता था. राजभवन ने बीएड व एमएड के लिए जो नया यूनिफॉर्म रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस बनाया है, उसमें इस प्रावधान को नहीं रखा गया है.
बीएड व एमएड की फीस पहले के मुकाबले कई सौ गुना बढ़ा दी गयी है और अब आरक्षण खत्म किये जाने से पीयू के छात्रों में काफी असंतोष है. नियमों में बदलाव को लेकर राजभवन में हुई बैठक में एमएड के डीन प्रो वासे जफर ने इस ओर ध्यान आकर्षित किया था. इसको लेकर उन्होंने एक प्रस्ताव भी दिया था कि पीयू के लिए अलग आॅर्डिनेंस व रेगुलेशन बनाया जाये, क्योंकि यही एक एेसा विवि है, जहां पर सबसे कम फीस में नॉन सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के तहत ये कोर्स चलते हैं.
इसके तहत पीयू के छात्रों को 80 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. इसके लिए बाकायदा अलग से दो सरकारी कॉलेज भी हैं. दूसरे विवि में ज्यादातर एफिलिएटेड कॉलेज हैं या फिर किसी कॉलेज के अंतर्गत दूसरे कोर्स के साथ बीएड व एमएड कोर्स भी चलते हैं. लेकिन, उनके प्रस्ताव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जो नया ऑर्डिनेंस बना, उसमें इस मामले को गौण कर दिया गया. दूसरे ज्यादातर विश्वविद्यालयों और उसके कॉलेजों में ये कोर्स सेल्फ फाइनेंस कोर्स के तहत ही चलते हैं. पीयू में सिर्फ पटना वीमेंस कॉलेज में ये कोर्स सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के तहत चलते हैं.
आरक्षण मामले में राजभवन ही कुछ कर सकता है : जफर
राजभवन में जो बैठक हुई थी, उसमें हमने एक प्रस्ताव दिया था. उसमें पीयू के लिए अलग रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस की मांग की गयी थी. नॉन सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के तहत ही फीस तय करने को लेकर भी कहा था, लेकिन जो ऑर्डिनेंस बना, उसमें इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया. इसकी वजह से बीएड व एमएड कोर्स में इस तरह की तकनीकी दिक्कतें हो रही हैं. फीस को दुरुस्त करने के लिए हमने विवि को रिमाइंडर भी भेजा है. आरक्षण मामले में भी राजभवन ही कुछ कर सकता है. विवि की ओर इस संबंध में पत्र भेजा जायेगा.
– प्रो वासे जफर (पीयू में शिक्षा संकाय के डीन और एमएड के विभागाध्यक्ष)
क्या है कारण
राजभवन की ओर से बनाये गये नये यूनिफॉर्म रेगुलेशन
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) द्वारा नियमों में बदलाव किये जाने के बाद राजभवन ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक रेगुलेशन व एडमिशन ऑर्डिनेंस बनाया है. इस वजह से सभी विवि के लिए नामांकन के एक समान नियम हो गये हैं. नये ऑर्डिनेंस में पीयू के 80 प्रतिशत आरक्षण को ध्यान में नहीं रखा गया