पटना: 30 साल के बाद ठेका के नियमों में बदलाव हो सकता है. ठेका की निर्धारित दर से अब 15 के बजाय मात्र 10 फीसदी कम की बोली भी स्वीकार हो जायेगी. पथ निर्माण विभाग को छोड़ सरकार के निर्माण कार्य से जुड़े अन्य विभागों में यह नियम लागू होगा. मुख्य सचिव के स्तर पर हुई बैठक में इसकी सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है. आनेवाले दिनों में मुख्यमंत्री के स्तर पर इसकी मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जायेगी.
वर्ष 1983 में ठेका से 15 फीसदी कम तक की दर का निर्धारण हुआ था. उस समय निगरानी ने एक मामले की जांच के दौरान कहा था कि अगर ठेका के लिए निर्धारित दर से 15 फीसदी से कम राशि में काम की मंजूरी दी जाती है, तो उसकी गुणवत्ता सही नहीं रहेगी. निगरानी का वह आदेश तीन दशक बाद भी काम कर रहा है. बीते दिनों पथ निर्माण विभाग ने इस बाबत एक प्रस्ताव सरकार को मंजूरी दी थी. इसमें राशि में बदलाव करने की बात कही गयी थी. हालांकि, सरकार ने उस प्रस्ताव को अभी मूर्त रूप नहीं दिया है.
इस पर अंतिम सहमति के पहले निर्माण कार्य से जुड़े विभागों में ठेका का काम बाधित हो रहा है. खास कर जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, भवन निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, नगर विकास विभाग के काम में बाधा उत्पन्न हो रहे थे. बीते दिनों मुख्य सचिव के स्तर पर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने बैठक कर ठेका से 15 फीसदी के बजाय 10 फीसदी कम करने पर सहमति बन गयी है. विभागीय स्तर पर प्रक्रिया पूरा करने के बाद मुख्य सचिव को फाइल भेजी जा रही है. अधिकारियों की मानें, तो नवंबर के दूसरे सप्ताह में जल संसाधन विभाग की बाढ़ पूर्व योजनाओं के लिए टेंडर जारी हो सकता है. इसलिए, संभव है कि 10 दिनों के भीतर इसकी अधिसूचना जारी हो जायेगी. इस आदेश के जारी नहीं होने पर विभाग को एसबीडी के अनुसार ही ठेका जारी करना होगा.