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बेटी बोलती थी-पापा, मेरी शादी कर दो, नहीं तो वह मुझे मार डालेगा

इधर पीड़िता के पिता ने प्रभात खबर से व्यक्त की अपनी पीड़ा, कहा पटना : पहली बार बेटी का अपहरण हुआ, तो सब कहते थे, वह किसी के साथ भाग गयी. 57 दिनों के बाद बेटी को पिता ने खुद बोकारो के जंगल से खोज कर लाया. बेटी ने बताया कि वह भागी नहीं, बल्कि […]

इधर पीड़िता के पिता ने प्रभात खबर से व्यक्त की अपनी पीड़ा, कहा
पटना : पहली बार बेटी का अपहरण हुआ, तो सब कहते थे, वह किसी के साथ भाग गयी. 57 दिनों के बाद बेटी को पिता ने खुद बोकारो के जंगल से खोज कर लाया. बेटी ने बताया कि वह भागी नहीं, बल्कि उसे जबरदस्ती ले जाया गया था.
उसके बाद बेटी बार-बार कहती थी- पापा, मेरी शादी करवा दो, नहीं तो वह मुझे मार डालेगा. गर्दनीबाग थाने में बैठे पिता दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि 12 जून से बेटी गायब है. उसका कोई पता नहीं चल पा रहा है. मेरी बेटी का क्या हुआ, किस स्थिति में भगवान जानें. आसपास के लोग कहते हैं, बेटी भाग गयी है. बेटी भागी या अपहरण हुआ. कहां है? क्या कर रही है? जिंदा भी है या नहीं, कुछ तो पता चले.
गायब निशा कुमारी के पिता दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि पांच माह के बाद भी मेरी बेटी को बरामद नहीं किया जा सका है. थाने का चक्कर कई बार लगा चुका हूं. निशा पांच बहनों में सबसे छोटी है.
उसे एक भाई भी है, जो बेंगलुरु में इंजीनियर है. पिता ने बताया कि चार बेटियों की शादी हो चुकी है. 1974 में जेपी आंदोलन में सीएम नीतीश कुमार के साथ जेल गये दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि मेरी बेटी का अपहरण अभिषेक कुमार ने किया है. मीठापुर का रहनेवाला अभिषेक उसे हमेशा धमकी देता था, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही है.
29 नवंबर को थी शादी
बेटी निशा के बार-बार कहने के बाद उसकी शादी भी तय कर दी गयी थी. पीड़ित निशा के बहनोई बबलू सिंह ने बताया कि उसकी उम्र शादी की नहीं हुई है, फिर भी उसकी शादी ठीक कर दी गयी.
29 नवंबर को उसकी शादी होनी तय की गयी थी. लेकिन, अब तक वह गायब ही है. वह कहां है, कुछ भी पुलिस पता नहीं लगा पायी है. वहीं निशा की एक झलक देखने के लिए घर के लोग दरवाजे पर ही बैठे रहते हैं. बहन आशा ने बताया कि हर दिन ऐसा लगता है कि कहीं से वह हमारे पास आ जायेगी. शांत स्वभाव की निशा कुमारी के बारे में आशा ने बताया कि वह इतनी सहमी हुई थी कि घर से बाहर नहीं निकलती थी.
2011 में भी हुआ था अगवा 57 दिन बाद मिली थी
गर्दनीबाग थाने से मिली जानकारी के अनुसार निशा कुमारी के अपहरण का मामला 2011 में भी दर्ज किया गया था. पिता ने बताया कि 2011 में भी उसका अपहरण कर लिया गया था. काफी खोजने पर 57 दिनों के बाद बेटी उसे मिली थी. बोकारो के गांधी नगर थाना अंतर्गत जंगल में वह पायी गयी थी.
लड़का उसे छोड़ कर भाग गया था. कमला नेहरू हाइस्कूल में आठवीं में पढ़ रही बेटी का नाम भी स्कूल से कटवा दिया. घर पर ही रह कर वह पढ़ती थी. हमेशा डरी रहती थी. लड़का उसे धमकी देता था. कई बार उसकी परेशानी जानने की घरवालों ने कोशिश की, लेकिन वह कुछ नहीं बताती थी.

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