पारा-मेडिकल में मेडिकल से कम ग्लैमर नहीं के कुमारप्रबंध निदेशक, अम्बेदकर इंस्टीट्यूट आॅफ हायर एजुकेशन, पटना – अच्छी आय के साथ मानव सेवा का बेहतर अवसरपारा-मेडिकल के क्षेत्र में बारहवीं बायो के साथ ही दसवीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए अनेकों अवसर हैं. साधारण परिवार के विद्यार्थी भी कम से कम लागत में इस पाठ्यक्रम को पूरा कर सकते हैं. एक तरफ जहां पैथोलाॅजी, रेडियोलाॅजी, फिजीयोथेरापी, आॅपरेशन थियेटर सहायक, ड्रेसर, सेनेटरी इंस्पेक्टर से आपको चिकित्साकर्मी बनने का अवसर मिलता है, वहीं दूसरे तरफ फिजियोथेरापी पाठ्यक्रम को पूरा कर आप फिजियोथेरापिस्ट चिकित्सक बन सकते हैं.पारा-मेडिकल के महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम कौन-कौन हैं?पारा मेडिकल में पाठ्यक्रमों की सूची बहुत लंबी है इनमें महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम हैं – पैथोलाॅजी, रेडियोलाॅजी, फिजियोथेरापी, आॅपरेशन थियेटर सहायक, ड्रेसर, सेनेटरी इंस्पेक्टर आदि.पारा-मेडिकल पाठ्यक्रमों में नौकरी की क्या संभावनाएं हैं?राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही कोई पाठ्यक्रम करना चाहिए. सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों से जहां उम्मीदवार चिकित्साकर्मी एवं टेक्नीशियन बनते हैं, वहीं डिग्री पाठ्यक्रमों से काॅलेजों में इंस्ट्रक्टर तथा लैक्चरर की भूमिका में होते हैं. फिजियोथेरापी में डिप्लोमा एवं डिग्री धारक सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में या स्वतंत्र रूप से चिकित्सक के रूप में अपना कार्य करते है. क्या अम्बेदकर इंस्टीच्यूट आॅफ हायर एजुकेशन, पटना राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त है?यह संस्थान गोला रोड मोड़, बेली रोड, पटना में स्थित है, जिसे स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार, पटना से मान्यता प्राप्त है. इसके साथ ही नेशनल इंस्टीच्यूट आॅफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने भी डिग्री तथा मास्टर डिग्री पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु इसे अपना केंद्र बना रखा है. संस्थान का अपना विशाल परिसर दानापुर के छितनावाॅ, में स्थित है.पारा-मेडिकल के उपरांत देश में कहां-कहां रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं?बिहार में पारा-मेडिकल एवं डेंटल एजुकेशन एक्ट लागू होने के कारण यहां राज्य सरकार द्वारा मान्य संस्थान में ही पारा-मेडिकल पाठ्यक्रम का संचालन हो सकता है. बिहार सरकार द्वारा स्वीकृत संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थी देश एवं विदेशओं में कहीं भी नौकरी कर सकते हैं. साथ ही काॅरपोरेट एवं प्राइवेट अस्पतालों में भी इनकी तेजी से मांग बढ़ रही है. परिवर्तन के इस दौर में बिहार में भी काॅरपोरेट अस्पताल आ रहे हैं, जिनके कारण आने वाले 5 वर्षों में अस्पताल एवं चिकित्सक कर्मियों का स्तर तेजी से ऊंचा होने वाला है. जिससे एक पारा- मेडिकल कर्मी प्राईवेट में भी 10 से 25 हजार तक मासिक अर्जित कर सकता है. सरकारी हाॅस्पीटलों में आज पारा-मेडिकल कर्मियों के बहुत सारे पद रिक्त है, जिसे सरकार द्वारा तेजी से भरा जा रहा है.पारा-मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए तकनीकी सलाह तथा विस्तृत जानकारी कहां से प्राप्त की जा सकती हैं?अम्बेदकर इंस्टीट्यूट आॅफ हायर एजुकेशन द्वारा कौशल कुमार के मार्गदर्शन में कैरियर गाईडेंस सेंटर की स्थापना 21बी, पाटलिपुत्रा गोलंबर, पटना में किया गया है. जहां विद्यार्थी स्वयं संपर्क कर अथवा फोन पर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं- 0612-3253519, 0612-2260155, 09386806860, 09386806862, 09386806864, 09386806867पारा – मेडिकल पाठ्यक्रम करने की न्यूनतम अवधि व शुल्क क्या है?सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम एक वर्ष, डिप्लोमा दो साल तथा डिग्री तीन वर्ष में पूरा कर सकते हैं. जबकि फिजियोथेरापी डिप्लोमा तीन वर्ष छः माह तथा डिग्री चार वर्ष छः माह में पूरा किया जा सकता है. पाठ्यक्रमों का शुल्क कोर्स के अनुसार वार्षिक रूप से दस हजार से पच्चीस हजार रुपये तक है। मेधा प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत अम्बेदकर इंस्टीट्यूट में मासिक शुल्क 1000 रुपये में विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन एवं प्रशिक्षण लिया जा सकता है.
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पारा-मेडिकल में मेडिकल से कम ग्लैमर नहीं
पारा-मेडिकल में मेडिकल से कम ग्लैमर नहीं के कुमारप्रबंध निदेशक, अम्बेदकर इंस्टीट्यूट आॅफ हायर एजुकेशन, पटना – अच्छी आय के साथ मानव सेवा का बेहतर अवसरपारा-मेडिकल के क्षेत्र में बारहवीं बायो के साथ ही दसवीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए अनेकों अवसर हैं. साधारण परिवार के विद्यार्थी भी कम से कम लागत में इस पाठ्यक्रम को […]
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