राष्ट्रीय राजनीति में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी का धुर विरोधी माना जाता है. हालांकि, अब तक उन्होंने मोदी का नाम लेकर कहीं आलोचना नहीं की. हालांकि, सांकेतिक शब्दों में वे मोदी की तीखी आलोचना करते रहते हैं. जब भाजपा ने इस रैली के आयोजन की घोषणा की थी, उस समय दोनों ही दल बिहार की सरकार का हिस्सा थे. नरेंद्र मोदी के नाम पर ही जदयू ने भाजपा का साथ छोड़ा है.
बिहार में भाजपा विपक्ष की पार्टी बन गयी है. ऐसी स्थिति में नरेंद्र मोदी की पटना में मौजूदगी राजनीतिक हलकों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है. नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते तल्ख होने के कारण सबकी निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिकी है. 2010 में भाजपा के अधिवेशन काल से ही दोनों नेताओं के बीच दूरियां बढ़ी थीं. हालत यहां तक आ पहुंचे कि बिहार सरकार ने बाढ़ राहत के लिए गुजरात सरकार द्वारा भेजे गये पांच करोड़ रुपये भी लौटा दिये. साथ ही भाजपा नेताओं के लिए पूर्व निर्धारित भोज भी रद्द कर दिया गया. खास यह कि नीतीश कुमार ने चार नवंबर,2012 को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में अधिकार रैली की थी. उस दिन नरेंद्र मोदी आधे घंटे के लिए पटना में मौजूद थे.
उधर, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान व केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान उस समय दिल्ली में होंगे. दिल्ली में होने के बावजूद उनकी इस रैली पर नजर रहेगी. पासवान के भी टीवी पर मोदी का भाषण सुनने की संभावना है.
* लालू जेल में सुनेंगे भाषण
राजद प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में रांची जेल में बंद हैं. यहां टीवी पर उनके मोदी का भाषण सुनने की पूरी संभावना है. जदयू से अलग होने के बाद भाजपा की हो रही इस पहली रैली पर राजद की भी नजर है. खास कर लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर राजद में गंभीर मंथन चल रहा है. टीवी के माध्यम से ही वे रैली में आनेवाली भीड़ से लेकर सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे.
* भीड़ इतनी कि मोबाइल भी जाम
गांधी मैदान के आस-पास के क्षेत्रों में मोबाइल से बात करने में रविवार को परेशानी हो सकती है. यह संभव है कि आप अपने सगे-संबंधियों को कॉल लगा रहे हैं और रिंग होने से पहले ही मोबाइल के स्क्रीन पर एरर कनेक्शन शो करने लगे. बात शुरू होने से पहले ही कॉल डिस्कनेक्ट हो सकता है या बार-बार प्रयास करने पर भी कॉल नहीं लगे. यह समस्या पूरे दिन आम हो सकती है.
रविवार को पटना शहर में खास कर गांधी मैदान के आस-पास के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी रहेगी. उपभोक्ताओं को बात करने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए मोबाइल कंपनियों की ओर से कोई विशेष तैयारी नहीं की गयी है. हालांकि, निजी मोबाइल कंपनियों ने दावा किया है कि नेटवर्क में कोई समस्या नहीं होगी.
* क्यों होगा नेटवर्क जाम : रविवार को गांधी मैदान में हुंकार रैली है. पार्टी का दावा है कि बिहार के सभी जिलों व दूसरे शहरों से काफी संख्या में लोग गांधी मैदान में जुटेंगे. क्षमता से अधिक मोबाइल उपभोक्ता एक से दूसरे नेटवर्क में प्रवेश करेंगे. जब भी क्षमता से अधिक लोग मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे, तो नेटवर्क की समस्या होगी. हर बीटीएस (बेस ट्रांसरिसिवर स्टेशन) की एक निर्धारित क्षमता होती है, जिससे निश्चित समय में बिना कोई रुकावट उपभोक्ता बात करते हैं. एक बीटीएस के अंदर दो से छह हजार उपभोक्ता बिना परेशानी आराम से बात कर सकते हैं. जब किसी बीटीएस के क्षेत्र में मोबाइल उपभोक्ता बढ़ जाते हैं व कॉलिंग ट्रैफिक भी बढ़ जाती है, तो नेटवर्क में समस्या आने लगती है और बात नहीं हो पाती है.
* नयी करवट लेगी राजनीति : प्रधान
हुंकार रैली से देश और बिहार की राजनीति नयी करवट लेगी. ये बातें सांसद व बिहार भाजपा के राष्ट्रीय प्रभारी धर्मेद्र प्रधान ने शनिवार को गांधी मैदान में संवाददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि यह रैली 2014 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी. पार्टी के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने गांव और पंचायत तक रैली की सफलता के लिए चौपाल लगायी.
* मौसम भी देगा मोदी का साथ
रैली में मौसम भी साथ देगा. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मौसम में हल्के ठंड का एहसास हो रहा है. बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर कम दबाव का क्षेत्र है, इससे साउथ बिहार में भी कहीं-कहीं बारिश होगी.
28 अक्तूबर तक साउथ बिहार में कहीं-कहीं हल्की बारिश होगी, लेकिन पटना व नॉर्थ बिहार में इसका असर नहीं पड़ेगा. आकाश में बादल छाये रहेंगे और राजधानी में बारिश की संभावना कम रहेगी. मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एके सेन ने बताया कि अगले दो दिनों तक मौसम का मिजाज पूरी तरह से ठंडा रहेगा. अगले 24 घंटे में पटना व नॉर्थ बिहार को छोड़ साउथ बिहार में हल्की बारिश होने की संभावना रहेगी.
* भाजपा के एक हजार कार्यकर्ता सुरक्षा की कमान संभालेंगे
रैली के दौरान अव्यवस्था न हो, इसकी जिम्मेवारी पुलिस के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की भी होगी. रैली की व्यवस्था में पार्टी ने अपने मंच-मोरचा के एक हजार कार्यकर्ताओं को लगाया है. 110 प्रभारी बनाये गये हैं. महिलाओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए महिला मोरचा की एक सौ पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं को जिम्मेवारी दी गयी है. सुरक्षा प्रभारी पार्टी के प्रदेश मंत्री संजय चंद्रवंशी बनाये गये हैं. दो मंचों पर अधिकृत व्यक्ति ही जायें, इस पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है. लाउडस्पीकर बंद होने पर इसकी सूचना कार्यकर्ता तत्काल गांधी मैदान प्रभारी को देंगे. भाजपा चिकित्सा मंच ने गांधी मैदान में 34 चिकित्सा काउंटर खोले हैं.
* एसआइएस के 1800 जवान लगेंगे
रैली की सुरक्षा में निजी सुरक्षा एजेंसी सिक्यूरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड अपने 1800 जवानों को लगायेगी. कंपनी के जनसंपर्क पदाधिकारी सतीश कुमार श्रीवास्तव राजू ने बताया कि सुरक्षा में एसआइएस के 1600 जवान व 200 प्रशिक्षित कमांडो सहित सैकड़ों अधिकारी मुस्तैद रहेंगे. मॉनीटरिंग के लिए कंपनी के मुख्य संचालक रितुराज सिन्हा पटना पहुंच चुके हैं. कंपनी के क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक नंद किशोर प्रसाद ने बताया कि भीड़ को देखते हुए 70 टुकड़ियों में जवानों को लगाया जायेगा. एसआइएस के जवान गांधी मैदान के साथ ही महात्मा गांधी सेतु पर भी तैनात रहेंगे.
* गांधी मैदान में नहीं प्रवेश करेगा कोई वाहन
पूर्व की रैलियों की तरह इस बार की हुंकार रैली में लोग सीधे अपने वाहन से गांधी मैदान नहीं पहुंच पायेंगे. भाजपा ने गांधी मैदान में वाहनों का प्रवेश निषेध कर दिया है. रैली में आनेवाली गाड़ियां और मोटर साइकिलें मैदान के आसपास बने 16 पड़ावों पर लगेंगी. गांधी मैदान की रैली में पहुंचनेवालों का भाजपा के कार्यकर्ता स्वागत करेंगे. मैदान में 13 स्वागत केंद्र बनाये गये हैं. सभी 13 केंद्रों पर पेयजल का भी इंतजाम किया गया है. शनिवार की रात से गांधी मैदान पहुंचनेवालों के भोजन का भी प्रबंध किया गया है.
* रातोंरात हुआ छात्र संगठन का गठन
लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में जनाधार तैयार करने व उनके समर्थन में रैली में ज्यादा-से-ज्यादा युवाओं को जुटाने के उद्देश्य से रातों-रात नये छात्र संगठन का गठन कर दिया गया है. राष्ट्रीय छात्र युवा संघर्ष मोरचा के नाम से गठित यह संगठन कॉलेजों व हॉस्टलों में परचे बांट कर युवाओं को रैली में आने का न्योता दे रहा है. संगठन ने पटना सिटी से दानापुर तक सभी कॉलेजों व हॉस्टलों में जाकर प्रचार किया.