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बिजली के नाम पर जनता को झांसा दे रहे हैं नीतीश : सुशील मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि हर घर में बिजली पहुंचाने का वादा पूरा करने में फेल रहे नीतीश कुमार अब अपनी चुनावी सभाओं में जनता को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं. 10 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद एक भी नया बिजलीघर लगाने व […]

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि हर घर में बिजली पहुंचाने का वादा पूरा करने में फेल रहे नीतीश कुमार अब अपनी चुनावी सभाओं में जनता को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं.
10 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद एक भी नया बिजलीघर लगाने व बिजली उत्पादन में बुरी तरह विफल रहे नीतीश कुमार बतायें कि क्या आज बिहार पूरी तरह से केन्द्र सरकार की बिजली पर निर्भर नहीं है. भाजपा गठबंधन की सरकार बनने के तीन महीने के अंदर बाढ़ थर्मल की दूसरी इकाई से उत्पादन चालू कर दिया जायेगा. ग्रामीण विद्युतिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कृषि के लिए अलग फीडर का निर्माण कराया जायेगा.
मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार बतायें कि हर गांव और हर घर में बिजली पहुंचाने का उनका वादा पूरा क्यों नहीं हुआ. क्या आज भी प्रदेश के 50 हजार टोले और 40 लाख बीपीएल परिवार बिजली से वंचित नहीं है. शहरों में 24 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 48 घंटे में जले ट्रांसफॉर्मर बदलने में नीतीश कुमार की सरकार फेल क्यों हो गई. यूपीए सरकार के दौरान केन्द्र से बिहार को कितनी बिजली मिल रही थी और आज नरेन्द्र मोदी बिहार को कितनी बिजली दे रहे हैं.
इधर, जंदाहा/भडैच तिसिऔता में आयोजित सभा में उन्हाेंने कहा कि एनडीए की सरकार बनेगी और बिहार में गो हत्या एवं गौमांस पर पूरी तरह बैन लग जायेगा. इसके लिए सख्त कानून बनाया जायेगा.
गंठबंधन सरकार के दौरान ऊर्जा व राजस्व विभाग तो जदयू के पास ही था, फिर निर्माणाधीन चौसा (बक्सर), पीरपैंती (भागलपुर) और कजरा (लखीसराय) बिजली परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण क्यों नहीं हो पाया.
औरंगाबाद के नवीनगर बिजली कारखाना का निर्माण कार्य अब तक अधूरा क्यों है. बरौनी बिजली कारखाना अब तक बंद क्यों पड़ा है. कांटी के क्षमता विस्तार का कार्य आधा–अधूरा क्यों है. केन्द्र सरकार द्वारा बरौनी के लिए अलग कोल ब्लॉक के आवंटन के बावजूद विस्तारीकरण का काम पूरा क्यों नहीं हो पाया. बिजली बोर्ड के विखंडन में पांच साल क्यों लगा.
भाजपा की सरकार बनने पर बिजली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जायेगी. 2016 तक हर हाल में राज्य के सभी गांवों और घरों में बिजली पहुंचायी जायेगी वहीं कृषि के लिए अगल फीडर का निर्माण कराया जायेगा ताकि खेती के लिए 12 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जा सके.
बरौनी बिजली कारखाना को चालू कराने के साथ ही कांटी के क्षमता विस्तार के अधूरे काम को पूरा किया जायेगा. निर्माणाधीन नवीनगर, चौसा, कजरा और पीरपैंती बिजली कारखानों की बाधाएं भी दूर की जायेगी और बिहार को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जायेगा.

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