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06 जिलों में वोट, 993 कंपनी फोर्स : बुलेट के इलाके में बैलेट का दिन

शुक्रवार को छह जिलों की जिन 32 सीटों पर मतदान होने वाला है, वह कई मायनों में खास है. इस चरण में कई दिग्गजों की राजनीति का भविष्य तय होने वाला है. उनमें स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार के अलावा कई अन्य दिग्गज हैं. सभी छह जिले […]

शुक्रवार को छह जिलों की जिन 32 सीटों पर मतदान होने वाला है, वह कई मायनों में खास है. इस चरण में कई दिग्गजों की राजनीति का भविष्य तय होने वाला है. उनमें स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार के अलावा कई अन्य दिग्गज हैं. सभी छह जिले नक्सलग्रस्त हैं और इस वजह से चुनाव आयोग ने अलग तरह की तैयारी की है. केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती के अलावा ड्रोन व हेलीकॉप्टर से भी निगरानी रखी जायेगी. गुरुवार को मतदानकर्मी बूथों पर रवाना हो गये.
पटना : पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव का पहला चरण शांतिपूर्ण संपन्न हो जाने के बाद अब शुक्रवार (16 अक्तूबर) को होने वाले दूसरे चरण के मतदान को शांतिपूर्ण कराना चुनाव आयोग और संबंधित जिलों के प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है. इस चरण में जिन छह जिलों की 32 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं, वे सभी आंशिक या पूर्ण रूप से नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में सुरक्षा के इंतजाम काफी चाक-चौबंद किये गये हैं. केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य पुलिस की 993 कंपनियां तैनात की गयी हैं
पहले चरण से ज्यादा सुरक्षा बल
पहले चरण में जहां 10 जिलों की 49 विधानसभा सीटों पर मतदान े के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की करीब 650 कंपनियां तैनात की गयी थी. वहीं, दूसरे चरण में 6 जिलों की 32 सीटों के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की 700 से ज्यादा कंपनियां तैनात कर दी गयी हैं. इस बार केंद्रीय फोर्स को संवेदनशील इलाकों में पहले ही तैनात कर दिया गया है. ताकि ये आसपास के इलाके से भलीभांति वाकिफ हो सकें. सभी संवेदनशील बूथों पर 1-4 और अतिसंवेदनशील बूथों पर 2-8 के अनुपात में केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती रहेगी. दूसरे चरण में अधिकतर ऐसे बूथ हैं, जहां 2-8 के अनुपात में ही सुरक्षा बलों की तैनाती होगी.
इसमें सीआरपीएफ के अलावा, बीएसएफ, इंडो-तिब्बती सीमा फोर्स, कोबरा कमांडो, सशस्त्र सीमा बल समेत अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती प्रमुखता से की जायेगी. पहली बार बेहद संवेदनशील नक्सली बूथों पर कोबरा फोर्स की तैनाती की गयी है. इसके लिए झारखंड और ओड़िसा से कोबरा फोर्स की अतिरिक्त कंपनी मंगवायी गयी है. कोबरा फोर्स को नक्सलियों से इनकाउंटर और नक्सली ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए खासतौर से ट्रेंड किया जाता है.
झारखंड व यूपी की सीमा सील
चुनाव के दौरान झारखंड व उत्तर प्रदेश की सीमाएं सील कर दी गयी हैं. दूसरे चरण में जिन छह जिलों में मतदान होने वाले हैं, वहां सर्च ऑपरेशन काफी पहले से चलाये जा रहे हैं. शाहाबाद रेंज में 47 आइइडी बरामद किये गये हैं. पिछले कुछ दिनों में गया व रोहतास में केन बम भी बरामद किये गये और नक्सलियों के कई अड्डों पर छापे मारे गये. चकरबंदा में नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप को भी सीआरपीएफ के कोबरा फोर्स ने ध्वस्त किया है.
इस बीच, गुरुवार को औरंगाबाद और अरवल में बैठकें हुईं, जिसमें सीआरपीएफ के आइजी अरुण कुमार, आइजी (ऑपरेशन) सुशीलमान सिंह खोपड़े, जोनल आइजी कुंदन कृष्णन, सीआरपीएफ के डीआइजी राजकुमार, सीआरपीएफ के ही डीआइजी (मुख्यालय) चिरंजीवी प्रसाद और मगध डीआइजी रत्न संजय आदि मौजूद थे.
गया
सैटेलाइट फोन व डॉग स्क्वॉड भी तैनात
गया : शुक्रवार को जिन जिलों में चुनाव होनेवाला है, उनमें गया ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक सात विधानसभा क्षेत्रों में नक्सली प्रभाव है, इसे लेकर प्रशासन सचेत-सावधान है. औरंगाबाद, रोहतास और भभुआ जिले में भी ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां नक्सलियों का प्रभाव है.
इन इलाकों में हिंसामुक्त मतदान कराने के लिए जो उपाय किये गये हैं, उनमें ड्रोन और हेलिकॉप्टर से पूरे इलाके की निगरानी भी शामिल है. नक्सली इलाकों में 40 डॉग स्क्वॉड भी रहेंगे. इनके अतिरिक्त सैटेलाइट फोन और सैटेलाइट ट्रैकर का भी उपयोग किया जा रहा है.
सुरक्षा इंतजामों में कहीं कोई चूक न हो जाये, इसका ध्यान रखते हुए मतदान के दौरान प्रशासन ने पटना और दिल्ली में दो एयर एंबुलेंस भी तैयार रखने की बात कही है. इन तमाम इंतजामों के अतिरिक्त बिहार पुलिस और सीआरपीएफ के डीआइजी और आइजी स्तर के अत्यंत वरिष्ठ अधिकारी भी दो हेलिकॉप्टरों में सवार होकर आसमान से ही नक्सल प्रभावित चुनावी मैदान की निगहबानी करेंगे. इनमें एक हेलिकॉप्टर सीआरपीएफ का होगा, तो दूसरा एयर फोर्स का.
मतदान के दिन सीआरपीएफ के आइजी अरुण कुमार, आइजी (ऑपरेशन) सुशील मान सिंह खोपड़े व जोनल आइजी कुंदन कृष्णन गया में कैंप करेंगे. मगध डीआइजी रत्न संजय, सीआरपीएफ डीआइजी राजकुमार, डीआइजी (मुख्यालय) चिरंजीवी प्रसाद, सीआरपीएफ कमांडेंट धीरेंद्र वर्मा, गया के एसएसपी मनु महाराज, गया के सिटी एसपी रविरंजन कुमार, एएसपी (एसटीएफ) जे जयारेड्डी, एएसपी (नक्सल) मनोज कुमार यादव और एएसपी बलिराम कुमार चौधरी आदि नक्सली प्रभाव वाले इलाकों पर नजर रखेंगे. इनमें आपसी तालमेल व सही समय पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पूरी तैयारी की गयी है,
गया-औरंगाबाद में 20 ड्रोन
सुरक्षा इंतजामों के तहत 20 ड्रोन की भी मदद ली जायेगी. ये सभी गया तथा औरंगाबाद के जंगली इलाकों पर नजर रखेंगे. नक्सल प्रभावित इलाकों में पड़नेवाले सभी थानों में बम निरोधक दस्ते को भी तैयार रखा जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ते ही इसकी सेवा मिल सके. मतदान के दौरान लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए जवान मोटरसाइकिलों से भी जंगली इलाकों में दौड़ लगाते रहेंगे. गुरुवार की सुबह गया जिले में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी के बाद पुलिस चौकस है.
जहानाबाद
लिट्टी, सतुआ बांध निकले वोट कराने
जहानाबाद . पहिले हम्मर सामान कर देहूं जारी..माथे पर चश्मा, कान पर कलम और कांधे पर रखे अंगोछे से बार-बार चेहरे का पसीना पोछते मतदानकर्मी अधिकारी से मनुहार कर रहे थे. हर एक को जल्दी थी. मतदान केंद्र तक पहुंचने की जल्दी. गुरुवार को डिस्पैच सेंटर, एसएस कॉलेज में चहुंओर भागमभाग का नजारा दिख रहा था. कोई मतदानकर्मी अपने आवंटित वाहन को तलाश रहा था, तो कई साथ वाले सुरक्षा बलों को. लिट्टी-चोखा, सतुआनी, ब्रेड, भूंजा-फुटहा के साथ दवाएं रख कर मतदानकर्मी बूथों के लिए रवाना हुए. पहले मानदेय फिर चुनाव सामग्री को सहेज कर रखने की फिक्र रही. जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए डीएवी पब्लिक स्कूल परिसर में कलस्टर सेंटर बनाया गया था.
मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए उच्च विद्यालय मखदुमपुर और घोसी विधानसभा क्षेत्र के लिए उच्च विद्यालय, घोसी में कलस्टर सेंटर बनाया गया था. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने चुनाव कार्य में जुटे 45 सौ कर्मियों को विधि-व्यवस्था को लेकर हिदायत दी. जिले में कुल 792 मतदान केन्द्रों पर पीठासीन पदाधिकारी के साथ चार कर्मियों को लगाया गया है.
रोहतास
नौहट्टा पहाड़ी के सभी बूथ मैदान में
नौहट्टा (रोहतास). उग्रवादग्रस्त नौहट्टा प्रखंड के सभी 57 बूथों को प्रशासन ने अतिसंवेदनशील घोषित किया है. पूर्व के चुनावों में नक्सली हिंसा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. यहां 10 कंपनी अर्ध सैनिक बल लगाये गये हैं. नक्सलियों के भय से पहाड़ी पर बसने वाले दो दर्जन से अधिक गांवों का बूथ मैदानी इलाकों में बनाये गये हैं. इससे वनवासियों में असंतोष व्याप्त है. उनका कहना है कि बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं तीन किमी पहाड़ से उतर कर बूथ तक नहीं पहुंच पायेंगे.
औरंगाबाद
101 प्रत्याशी
जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में 1729 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. कुल 101 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनकी किस्मत 16.60 लाख वोटर तय करेंगे.
सासाराम
बूथ पॉलीथिनमुक्त
कलस्टर से लेकर मतदान केंद्रों तक मतदानकर्मी पूर्ण रूप से सुरक्षा के घेरे में रहेंगे. कर्मी अपने भोजन व नास्ते का इस्तेमाल करेंगे. बूथों को तंबाकू व पॉलीथिन मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है.
अरवल
बतावù, कौन गाड़ी से जाए के हो..
अरवल : ‘बताव कौन से गाड़ी से जाए के हो..हमरा आगे छोड़ द..’ सुरक्षा बलों और मतदानकर्मियों के बीच गोदानी सिंह कॉलेज परिसर में चुनाव ड्यूटी पर रवाना होने से पूर्व गुरु वार को दिन भर आपाधापी मची रही. मतदानकर्मी जहां अपने आवंटित वाहन को तलाश रहे थे, वहीं साथ वाले सुरक्षा बलों की फिक्र भी उन्हें बराबर सताती रही. गुरुवार को जिले की दो विधानसभा क्षेत्रों से संबद्ध पोलिंग बूथों पर सुरक्षा बलों और मतदानकर्मियों के रवाना होने के दौरान यहां प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैद था. पोलिंग बूथ पर पहुंचकर वरीय अफसरों को रिपोर्ट करने और वहीं रात बिताने का तनाव भी कर्मियों के चेहरे पर साफ दिख रहा था. कुर्था विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रखंड मुख्यालय में कलस्टर सेंटर बनाया गया था.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष एवं एसपी दिलीप कुमार मिश्र ने चुनावकर्मियों को निष्पक्ष चुनाव कराने को कहा. अरवल में 235 पीठासीन पदाधिकारी तथा 235 पी 1, पी 2 तथा पी 3 टीम चुनाव कराएगी. फोर्स के साथ मतदानकर्मी एवं पीठासीन पदाधिकारी को संबंधित सेक्टर के लिए भेज दिया गया. अरवल एवं कुर्था के 40 बूथों पर एन्ड्रॉयड फोन से फोटोग्राफी होगी.

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